बरिंदरजित मामले में आईपीएस द्वारा न्यायिक जांच की मांग
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि लगाये गए आरोप अत्यंत गंभीर
संवाददाता
देहरादून। पूर्व एसएसपी उधमसिंह नगर बरिंदरजित सिंह के तबादले के बाद हुए विवाद में यूपी कैडर के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने न्यायिक जांच की मांग की है। इसके लिए ठाकुर ने उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में अमिताभ ने कहा है कि बरिंदरजित सिंह ने उत्तराखंड के डीजीपी, डीजी लॉ एंड आर्डर तथा पूर्व आईजी पर उत्पीड़न, कामकाज में गलत दबाव, अपनी जान को खतरा जैसे जो आरोप लगाये हैं, वे अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के एक जूनियर अफसर द्वारा अपने सीनियर अफसरों पर इस प्रकार के आरोप लगाना सामान्य प्रकरण नहीं है।
अमिताभ ने कहा कि बिना किसी पूर्वाग्रह के इन आरोपों की किसी रिटायर्ड हाई कोर्ट जज से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराया जाना उचित प्रतीत होता है ताकि सत्यता सामने आ सके एवं लोगों में सही सन्देश जाये। उन्होंने कहा कि यदि बरिंदरजित सिंह के आरोप गलत पाए जाते हैं तो उनके ऊपर कठोर कार्यवाही हो अन्यथा उनके द्वारा लगाये गए आरोपों के क्रम में सीनियर अफसरों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाये।
मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि पूर्व एसएसपी उधमसिंह नगर बरिंदरजित सिंह के तबादले के बाद हुए विवाद के बाद सिंह ने उत्तराखंड के डीजीपी, डीजी लॉ एंड़ आर्डर तथा पूर्व आईजी पर उत्पीड़न, कामकाज में गलत दवाब, अपनी जान को खतरा जैसे आरोप लगाये हैं। साथ ही उन्होंने इस संबंध में उत्तराखंड हाई कोर्ट में भी इस बारे में रिट याचिका दायर किया है, जिसमंे कोर्ट ने राज्य सरकार तथा अन्य प्रतिवादीगण से जवाब मांगा है।
उन्होंने कहा कि सिंह ने जो आरोप लगाये हैं, वे अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं। पुलिस विभाग के एक जूनियर अफसर द्वारा अपने सीनियर अफसरों पर इस प्रकार के आरोप लगाना सामान्य प्रकरण नहीं है और ऐसा बहुत ही कम देखा जाता है। इन स्थितियों में बिना किसी पूर्वाग्रह के इन आरोपों की किसी रिटायर्ड हाई कोर्ट जज से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराया जाना उचित प्रतीत होता है ताकि सत्यता सामने आ सके एवं लोगों में सही सन्देश जाये।
साथ ही उन्होंने कहा कि यदि बरिंदरजित सिंह के आरोप गलत पाए जाते हैं तो उनके ऊपर कठोर कार्यवाही हो। इसके विपरीत यदि उनके द्वारा लगाये गए आरोपों में कुछ आरोप सही पाए जाते हैं तो उनके संबंध में संबंधित आरोपित सीनियर अफसरों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाये। ठाकुर ने अनुरोध् किया कि यह कार्य लोक प्रशासन की पारदर्शिता तथा उत्तरदायित्व की भावना तथा जन विश्वास हेतु नितांत आवश्यक है।