नेपाल और भारत आवागमन के लिए पंजीकरण जरूरी!
सड़क मार्ग से भारत से नेपाल जाने वाले भारतीयों के लिए यह जरूरी होगा, नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने इसकी घोषणा की
प0नि0ब्यूरो
देहरादून। नेपाल सरकार भारत से सड़क मार्ग के जरिए आने वाले भारतीयों के पंजीकरण करने की व्यवस्था करने जा रही है। भले ही चीन के इशारे पर नेपाल ऐसे कदम उठा रहा है लेकिन उसका इसपर कहना है कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए वह ऐसा करने जा रहा है। साथ ही यह कदम भविष्य के लिए भी दोनों देशों की सीमा सुरक्षा के लिहाज से अच्छा होगा।
गौर हो कि नेपाल-भारत सीमा सुरक्षा को लेकर कर बैठक बुलाई गई थी। नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने उसमें अपनी बात रखी। वैसे भी कोई भारतीय नेपाल जाता है तो आईडी कार्ड दिखाने की जरूरत पड़ती है लेकिन पंजीकरण नही करना होता था। विदेश से आने वालों पर नेपाल में 24 मार्च से ही पाबंदी लगी हुई है।
नेपाल का मानना है कि भारत से नेपाल आ रहे लोगों की वजह से वहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं इसलिए कई संगठनों ने सरकार से ऐसे लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने की मांग की। जबकि बहुत से लोग ऐसा मानते है कि नेपाल चीन को खुश करने केलिए यह सब कर रहा है।
भारतीयों के पंजीकरण के फैसले के बाद नेपाल जा रहे भारतीयों को अपने नेपाल जाने का कारण लिखित में स्थानीय निगमों को दिखाना अनिवार्य है। हालांकि कोरोना के दौर में दोनों देशों के बीच आने-जाने वालों की संख्या में गिरावट आई है। बता दें कि नेपाल और भारत के बीच आवाजाही के लिए वीजा और पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे में पहचान के तौर पर आईडी दिखाने की परंपरा पुरानी है।
जिनको नेपाल का यह फैसला पसंद नहीं आ रहा उनका तर्क है कि नेपाल सरकार अगर कोरोना के नाम पर ये कर रही है तो उसे भारत से नेपाल जाने आने वाले नेपालियों का भी पंजीकरण करना चाहिए, केवल भारतीयों का नहीं क्योंकि कोरोना तो कोई भी फैला सकता है।
केवल भारतीयों से आईडी कार्ड मांगने और पंजीकरण की बात हो रही है तो ये टारगेट के तौर पर किया जा रहा है। खासकर तब जबकि दोनों देशों के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे।