शनिवार, 22 अगस्त 2020

शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभायेगा हिंदी विश्वविद्यालय वर्धाः शिक्षा मंत्री

निशंक ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में ‘साकेत संकुल’ का आनलाइन लोकार्पण किया
शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभायेगा हिंदी विश्वविद्यालय वर्धाः शिक्षा मंत्री



एजेंसी
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में 56 शिक्षकों तथा अधिकारियों के लिए निर्मित ‘साकेत संकुल’ का आनलाइन लोकार्पण किया। इस अवसर पर निशंक ने उम्मीद जाहिर की कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभायेगा। 
पोखरियाल ने उम्मीद जतायी कि ‘साकेत संकुल’ के शिक्षक अपने यशस्वी कुलपति के नेतृत्व में पूरा करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांधीजी जब अल्मोड़ा गये थे तो हिमालय के आखिरी छोर तक वे नयी तालीम ले गये थे। वहीं रहकर उन्होंने अनासक्ति योग लिखा था। उसमें गांधीजी का जोर शिक्षा, संस्कृति, संस्कार और आत्मनिर्भरता पर था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी गांधीजी के सपनों के अनुरूप शिक्षा का प्रावधान किया गया है, वे प्रावधान आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहायक होंगे। 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा शिक्षण पर जोर दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक मातृभाषा में शिक्षा दिए जाने से उसके नतीजे उत्साहजनक निकलेंगे। आज जब कई भाषाएं और बोलियां लुप्त हो रही हैं उन्हें हर हाल में बचाना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अभीष्ट है। मातृभाषा के माध्यम से शिक्षण और सभी भारतीय भाषाओं के बीच समन्वय स्थापित करने में हिंदी की भूमिका बड़ी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भाषा शिक्षण के अलावा ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान पर भी जोर दिया गया है। 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए भारत के निर्माण की आधारशिला बनेगी। अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भारत आगे बढ़ेगा और जो भारतीय प्रतिभाएं विदेशों में चली जाती हैं वे अपने ही देश के विकास में योगदान करेंगी।
प्रस्ताविक वक्तव्य देते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की ऐतिहासिक शिक्षा नीति है जो शिक्षा, संस्कार, राष्ट्र निर्माण का यत्न है। पहली बार इस शिक्षा नीति में हिंदी और भारतीय भाषाओं में शिक्षा और पारस्परिक संबंध कायम करने, अनुवाद के जरिये ज्ञान की सामग्री सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि गांधी के 150वें और विनोबा के 125वें जन्मवर्ष में हिंदी विश्वविद्यालय से जो अपेक्षाएं और आकांक्षाएं केंद्रीय शिक्षा मंत्री को हैं उन्हें वह पूरा करने का पूरा प्रयास करेगा।


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