शनिवार, 1 अगस्त 2020

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के उपाय

यूरिक एसिड बढ़ने से ब्लड प्रेशर से लेकर जोड़ों में दर्द तक होती अनेक समस्या
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के उपाय



प0नि0डेस्क
देहरादून। यूरिक एसिड का बढ़ना हाई ब्लड प्रेशर से लेकर जोड़ों में दर्द व सूजन जैसे कई तकलीपफों को बुलावा देता है। हालांकि शरीर में कुछ मात्रा में यूरिक एसिड हमेशा मौजूद होता है जो कि यूरिन के मार्ग से शरीर से बाहर निकलता जाता है। पर जब शरीर में इसकी अधिकता होती है तो ये कई स्वास्थ्य समस्याओं को न्योता देता है। 
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा उपवास रखने से या फिर डाइट में राजमा, पनीर, रेड मीट, सी पफूड जैसे खाने को शामिल करने से यूरिक एसिड का स्तर हाई हो जाता है। हालांकि लोग हाई यूरिक एसिड की समस्या को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते जबकि एक शोध में ये खुलासा हुआ है कि दुनिया में हर 5 में से एक व्यक्ति में यूरिक एसिड का लेवल हाई होता है। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाने से कौन सी बीमारियां होती है तथा इसे नियंत्रित कैसे किया जासकता है। 
गाउट डिजीज गठिया बीमारी का ही एक प्रकार है जो शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने के कारण होता है। जोड़ों में दर्द व सूजन इस बीमारी के आम लक्षण हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को उठने-बैठने में कठिनाई होती है, साथ ही हाथ-पैर में चुभन वाला असहनीय दर्द भी होता है। बता दें कि हाई यूरिक एसिड के मरीजों के शरीर में ये एसिड छोट-छोटे क्रिस्टल्स के पफार्म में हाथ-पैर के जोड़ों में जमा हो जाते हैं। इसके कारण लोगों में गाउट से पीड़ित होने का खतरा बढ़ता है।
शरीर के प्रमुख अंगों में से एक किडनी का काम टाक्सिक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का होता है। पर जब शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता होती है तो इसका प्रभाव किडनी पर भी पड़ता है। इससे किडनी की कार्य क्षमता कमजोर हो जाती है और ये सुचारू रूप से फिल्टर करने के काबिल नहीं रह पाता है। ऐसे में टाक्सिक मेटीरियल्स शरीर में ही रह जाते हैं।
शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर के कारण शरीर में सूजन आ जाती है जिससे शारीरिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा इससे लोगों का मेटाबालिक रेट भी कम होता है। ऐसे में हाई यूरिक एसिड के मरीजों का वजन भी नियंत्रित नहीं रह पाता है और वो मोटापा के शिकार हो जाते हैं। वहीं हाई यूरिक एसिड के मरीज तनाव से भी घिर सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर जब असामान्य हो जाता है तो उससे इंसुलिन लेवल भी प्रभावित होता है। यही कारण है कि जिन लोगों को हाई यूरिक एसिड की परेशानी होती है, उन्हें डायबिटीज का खतरा भी अधिक होता है।
विशेषज्ञों की मानें तो हाई यूरिक एसिड की परेशानी से पीड़ित लोगों में उच्च रक्तचाप के मामले अधिक देखने को मिलते हैं। खाने में अधिक नमक का सेवन करने वाले लोगों में यूरिक एसिड हाई होने का खतरा होता है। वहीं बीपी बढ़ने का एक कारण भी इसे ही माना जाता है। अध्ययन के मुताबिक जिन लोगों को यूरिक एसिड की समस्या थी और वे अपने खाने में ज्यादा नमक शामिल करते थे, उनमें उच्च रक्तचाप की आशंका 32 प्रतिशत ज्यादा पाई गई।
फिजिकली पिफट होना यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए बेहद जरूरी है। एक्सरसाइज करें और खूब पानी पीते रहें। प्यूरीन प्रोटीन युक्त भोजन को डाइट में शामिल करने से बचें और कुछ समय के अंतराल पर पोष्टिक भोजन करते रहें।


 


 


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