अपनों की खातिर हाई कोर्ट के आदेश को धताः मोर्चा
त्रिवेन्द्र सरकार ने अपनों को फायदा पहुंचाने की खातिर बीटेक की बाध्यता समाप्त की!
जन संघर्ष मोर्चा के प्रदेश सरकार पर ताबड़ तोड़ आरोप
- विधेयक सिर्फ और सिर्फ डा0 अनीता रावत राणा की ताजपोशी के लिए लाया गया
- रजिस्ट्रार के पद पर ताजपोशी होने तक बना दिया निदेशक, यू-सर्क में
- पूर्व में शराब व खनन माफियाओं के लिए भी ला चुके हैं त्रिवेंद्र रातों-रात विधेयक
- प्रदेश में हो रही आत्महत्याओं की परवाह नही है सरकार को
- अपनों व रिश्तेदारों के लिए ही सब कुछ होना है तो प्रदेश की जनता का क्या होगा!
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, जिनके पास तकनीकी शिक्षा विभाग भी है, ने अपनी करीबी रिश्तेदार को तकनीकी विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के पद पर पुनः बने रहने के लिए अंब्रेला एक्ट लाकर बीटेक की बाध्यता को समाप्त कर एक तरह से से उच्च न्यायालय के आदेश को धता बताकर मनमानी करने का काम किया है।
नेगी ने कहा कि कल ही सरकार द्वारा श्रीमती अनीता रावत राणा को यू-सर्क (उत्तराखंड शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र) में निदेशक के पद पर ताजपोशी के आदेश जारी किए गए। अभी हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में नियम विरुद्व तरीके से रजिस्ट्रार के पद पर तैनात श्रीमती अनीता रावत राणा को पद मुक्त करने के आदेश दिए गए थे।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में लाखों बेरोजगार, किसान व व्यापारी परेशान है तथा कई लोग तंगहाली में आत्महत्या कर चुके हैं लेकिन इनके लिए कोई ठोस कार्य योजना सरकार के पास नहीं है। सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिर्फ और सिपर्फ अपने परिजनों/रिश्तेदारों व अपने कमाऊ पूत (मापिफयाओं) के लिए ही चिंतित है तथा उनके लिए ही मनमाफिक विधेयक लाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोर्चा ऐसे कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।