सोमवार, 14 सितंबर 2020

भारती फाउंडेशन 2020 में कार्य करने हेतु सर्वश्रेष्ठ एनजीओ में शामिल

भारती फाउंडेशन 2020 में कार्य करने हेतु सर्वश्रेष्ठ एनजीओ में शामिल



संवाददाता
देहरादून। भारती फाउंडेशन को जो भारती एंटरप्राइजिस की लोकोपकारी संस्था है, तीसरी बार ’ग्रेट प्लेस टू वर्क 2020’ द्वारा कार्य करने हेतु भारत के सर्वश्रेष्ठ (टॉप 10) गैर-सरकारी संगठनों के बीच शामिल किया गया है। भारती फाउंडेशन जून में ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट इंडिया द्वारा भारत की शीर्ष 100 कंपनियों के बीच कार्य करने हेतु मान्यता प्राप्त करने वाला एकमात्र गैर-सरकारी संगठन भी था।
इस साल 37 गैर-सरकारी संगठनों ने अपनी प्रविष्टियां भेजी थीं। असेसमेंट के भाग के रूप में, इस इंस्टीट्यूट के एक ग्लोबल वैलीडेटिड सर्वे इंस्ट्रूमेंट और एक स्वाम्य टूल के द्वारा सभी संगठनों का मूल्यांकन किया गया था, जो कर्मचारी के पूर्ण जीवनचक्र को शामिल करते हुए एक संगठन में मानव संसाधन पद्धतियों की क्वालिटी का मूल्यांकन करता है। 
भारती फाउंडेशन की सीईओ ममता सैकिया ने टॉप 10 एनजीओ टू वर्क फॉर में शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि हमारे पास 1657 से अधिक बेहद प्रेरित प्रोफेशनल लोगों की टीम है और यह सर्टिफिकेशन हमारी उस संस्कृति का साक्ष्य है जिसका हमने पिछले कुछ वर्षों में पालन-पोषण किया है। यह हमारे शिक्षा कार्यक्रमों में वंचित बच्चों को एक सुरक्षित और सुखद वातावरण उपलब्ध कराने में समाया हुआ है।
उनका कहना था कि फाउंडेशन का मूल फोकस संस्था के अंदर सकारात्मकता, सहयोग, नई राह निकालने और प्रक्रिया उन्मुखता की संस्कृति का पालन-पोषण करते हुए पूरे ग्रामीण भारत में बच्चों की शिक्षा पर केंद्रित है। पूरे वर्ष सर्वांगीण विकास और नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित करने के वातावरण में कर्मचारियों के कौशल का संवर्धन करने के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारती फाउंडेशन अपने सभी कर्मचारियों के लिए नए अवसरों और अनुभवों का सृजन करने पर विश्वास करती है और यह हासिल करने के लिए आगे बढ़ती है।
सुदृढ़ चयन प्रक्रिया के एक भाग के रूप में इस इंस्टीटियूट ने असेसमेंट प्रक्रिया के द्वारा एकत्रित आंकड़ों पर सुदृढ़ वैलीडेशन प्रक्रिया को पूरा किया। दो तरह के असेसमेंट के संचयी स्कोर वह आधार बना जिसके आधार पर कोई संगठन कार्य करने हेतु भारत के सर्वश्रेष्ठ 10 एनजीओकी सूची में शामिल होने का हकदार बना। इस प्रक्रिया में कोई व्यक्ति या जूरी शामिल नहीं था- केवल कर्मचारियों का फीडबैक और मानव संसाधन पद्धति की क्वालिटी यह तय करता है कि क्या कोई संगठन एक ग्रेट वर्क प्लेस है या नहीं।


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