भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्लैक हाल के तारों को भेदने का पता लगाया
खगोल भौतिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने इसके लिए नया माडल खोजा
प0नि0ब्यूरो
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने बड़े ब्लैक होल की जांच करने का एक नया तरीका खोजा है जिससे उसके द्रव्यमान और घूमने जैसे गुणों का पता लगाकर तारों को भेदने के बारे में निरीक्षण किया जा सके। उन्होंने एक माडल तैयार किया है जिससे ब्लैक होल के द्रव्यमान और घूमने के बारे में जानकारी हासिल कर अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ ब्लैक होल बड़ी आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाने वाले उच्च गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में खगोलीय पिंडों के आसपास आने पर तारों को कैसे भेदते हैं।
गौर हो कि अधिकांश ब्लैक होल अलग-थलग होते हैं और उनका अध्ययन करना असंभव होता है। खगोलविद इन ब्लैक होल के पास के सितारों और गैस पर प्रभावों को देखकर उनका अध्ययन करते हैं। जब ब्लैक होल का ज्वारीय गुरुत्वाकर्षण, तारों के अपने गुरुत्वाकर्षण से अधिक हो जाता है तो सितारे विघटित हो जाते हैं और इस घटना को ज्वारीय विघटन घटना (टीडीई) कहा जाता है। यह माडल, जिससे तारे के ज्वारीय विघटन के बाद उसका अवलोकन किया जा सकता है और एक अभिवृद्वि डिस्क का निर्माण होता है। इससे ब्लैक होल के द्रव्यमान और नक्षत्रीय द्रव्यमान के बहुमूल्य आंकड़ों के निर्माण के अलावा भौतिकी के बारे में जानकारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बड़े ब्लैक होल अपनी गुरुत्वाकर्षण क्षमता से सितारों की परिक्रमा को नियंत्रित करते हैं और उसकी ज्वारीय ताकतें आसपास आने वाले सितारों को अलग कर सकती हैं या भेद सकती हैं। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने पहले विघटन की दर और उसके आंकड़ों की गणना की थी, जिसमें एक नए अध्ययन में दिए गए नक्षत्रीय व्यवधान घटना की टिप्पणियों पर ध्यान केंद्रित किया। ब्लैक होल के द्रव्यमान, नक्षत्रीय द्रव्यमान और तारों की कक्षा के निकटतम दृष्टिकोण बिंदु का अध्ययन किया। टी मागेश्वरन ने ए मंगलम की देख-रेख में अपने पीएच0डी0 शोध कार्य में विघटन घटना में अभिवृद्वि और गतिशीलता का एक विस्तृत अर्ध-विश्लेषणात्मक माडल विकसित किया। उनका शोध न्यू एस्ट्रोनामी में प्रकाशित हुआ था।
एक आकाशगंगा में तारों को पकड़ कर लाखों वर्षों में लगभग कई बार भेदा जाता है। बाधित मलबा केप्लर कक्षा का अनुसरण करता है और एक बड़े पैमाने पर गिरावट दर के साथ लौटता है जो समय के साथ कम हो जाती है। अतिक्रमण करने वाले मलबे का बाहरी मलबे से संपर्क होता है जिसके परिणामस्वरूप गोलाकार और एक अभिवृद्वि डिस्क का निर्माण होता है। ब्लैक होल में पफंसने से पहले पीछे के छेद के बाहर पदार्थ का अस्थायी संचय होता है। यह एक्स-रे से विभिन्न वर्णक्रमीय बैंडों में निकलता है, जिससे आप्टिकल से लेकर पराबैंगनी किरणों का विकिरण होता है। यह घटना एक विकसित प्रयोगशाला बनाती है जिसमें एक विकसित अभिवृद्वि डिस्क के भौतिकी का अध्ययन किया जाता है। इसमें अंतर्वाह, बहिर्वाह और विकिरण की गैस की गतिशीलता शामिल है।
टीम ने ब्लैक होल और संबंधित उत्सर्जन द्वारा नक्षत्रीय व्यवधान का पता लगाने की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने ब्लैक होल के द्रव्यमान और स्पिन का अनुमान लगाने के लिए भविष्यवाणी का इस्तेमाल किया। ज्वारीय विघटन की घटनाएं महत्वपूर्ण और उपयोगी घटनाएं हैं जो अर्ध-आकाशगंगाओं में बड़े ब्लैक होल्स के द्रव्यमान का पता लगाने और भविष्यवाणी करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) इस समय इस माडल से ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण में डिस्क के विकास में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार अतिक्रमण करने वाला मलबा एक बीज अभिवृद्वि डिस्क का निर्माण करता है जो ब्लैक होल और हवा से बड़े पैमाने पर नुकसान के कारण विकसित होता है लेकिन मलबे के गिरने से बड़े पैमाने पर लाभ होता है। इस माडल का मुख्य आकर्षण सभी आवश्यक तत्वों को शामिल करना है। अभिवृद्वि, पीछे जाना और हवा -लगातार, एक सूत्रीकरण में जो संख्यात्मक रूप से तेजी से क्रियान्वित होता है और पहले की स्थिर संरचना की तुलना में टिप्पणियों के लिए अभिवृद्वि माडल में अच्छी तरह समाहित होता दिखाता है।
इस समय-निर्भर माडल चमकीलेपन का अनुकरण करता है, जो ज्वार के विघटन के लिए तारों को पकड़ने की दर, ब्लैक होल की अवसंरचना (ब्रह्माण्ड में ब्लैक होल का जनसंख्या वितरण) और सर्वेक्षण मिशन के साधन विनिर्देश के साथ विघटन की अपेक्षित दर का परिणाम देता है। अवलोकन से पता लगाने की दर के साथ अपेक्षित पहचान दर की तुलना करके कोई ब्लैक होल जनसांख्यिकी की जांच कर सकता है। प्रेक्षणों के अनुरूप तारे और ब्लैक होल के मानदंड मिलते हैं जो सांख्यिकीय अध्ययन के लिए उपयोगी होते हैं और ब्लैक होल की जनसांख्यिकी का निर्माण करते हैं।