मैड ने आनलाइन कार्यशाला के माध्यम से बनाये कपडे व कागज के थैले
संवाददाता
देहरादून। मेकिंग ए डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) ने कागज और कपड़े के बैग बनाने की आनलाइन कार्यशाला आयोजित कर कोरोना काल मंे भी पर्यावरण को बचाने की अपनी कोशिश जारी रखी है।
एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है, दूसरी ओर दूषित हो रहे पर्यावरण को बचाने के लिए मैड संस्था के सदस्य शाम 6 बजे जूम ऐप्लिकेशन मे जुड़े और इस कार्यशाला को आयोजित किया। इस कार्यशाला मे बिना सिलाई या महंगी गोंद इस्तेमाल किये सभी को कपड़े और कागज से बैग और थैले बनाने सिखाये गए और उनके प्रयोग में लाने पर जोर दिया।
बैग और थैले बनाने के लिए सदस्यों ने घर से ही पुराने अखबार और टी-शर्ट्स का इस्तेमाल किया। कार्यशाला में कागज के बैग को चिपकाने के लिए लई (गोंद) बनानी भी सिखाई गयी। गौर हो कि मैड संस्था लंबे समय से रिस्पना और बिंदाल नदियों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र मंे काम कर रही है।
इस अभियान और कार्यशाला में शरद माहेश्वरी, अल्का नेगी, निकिता पंत, आदर्श त्रिपाठी आदि शामिल रहे।