पीडब्ल्यूडी टेंडर घोटाले की विजिलेंस जांच होनी लगभग तयः मोर्चा
- सचिव पीडब्ल्यूडी ने अपर मुख्य सचिव, सतर्कता से किया विजिलेंस जांच कराने का आग्रह
- अपर मुख्य सचिव ने दिए थे एचओडी को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश
- अपर मुख्य सचिव ने गत वर्ष जारी किया था आरोप पत्र
- लगभग सवा दो करोड़ के 8 टेंडर्स का है मामला
- शासन/सूचना आयोग के निर्देश पर जारी है कार्रवाई
- निर्माण खंड, लोनिवि, देहरादून का है मामला
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्ष 2017 में निर्माण खंड लोनिवि देहरादून के अधिशासी अभियंता राजवंशी (वर्तमान में सेवानिवृत्त) ने विकासनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 8 कार्यों (जाब्स) हेतु ठेकेदारों, समाचार पत्रों व अधिकारियों से सांठगांठ कर लगभग सवा 2 करोड रुपए के टेंडर प्रकाशन का ढोंग कर अपने चेहते ठेकेदारों को मात्र 0.06 फीसदी कम दर पर टेंडर आवंटित कर दिए थे। उक्त अनियमितता/घोटाले की जांच की मांग को लेकर मोर्चा द्वारा मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग की गई थी।
उक्त घोटाले की जांच की मांग को लेकर जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी द्वारा सूचना आयोग का दरवाजा भी खटखटाया गया था, जिसके क्रम में मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने मुख्य सचिव से पूरे प्रकरण की जांच कराने को लेकर निर्देश दिए थे।
नेगी ने कहा कि उक्त मामले में अपर मुख्य सचिव लोनिवि ने दिनांक 15/04/19 को तत्कालीन अधिशासी अभियंता राजवंशी को आरोप पत्र जारी किए किया था तथा उसके पश्चात मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव लोनिवि ने 16/09/19 को राजवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश एचओडी को दिए थे।
नेगी ने कहा कि उक्त के पश्चात सचिव लोनिवि ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव सतर्कता से विजिलेंस जांच कराने हेतु दिनांक 17/06/2020 को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया। अपर मुख्य सचिव सतर्कता द्वारा मामले में पुनः प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। मोर्चा लगभग 3 वर्ष से उक्त घोटाले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रात-दिन एक किए हुए है। मोर्चा को भरोसा है कि शीघ्र ही मामले में विजिलेंस जांच होगी।