रविवार, 20 सितंबर 2020

री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म पर वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रेड प्रदर्शनी 

री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म पर वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रेड प्रदर्शनी 



पर्यटन सांस्कृतिक और पर्यावरण को साझा करने का माध्यमः सतपाल महाराज
संवाददाता
देहरादून। री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म विषय पर वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् गढ़ी कैंट से भाग लिया। इस वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी के अलग-अलग सेशन में 18 देशों व 13 राज्यों ने भाग लिया।
वर्चुअल बी2बी ट्रैवल समिट में भाग लेते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि हम सभी मानव जाति के इतिहास में सबसे कठिन समय से गुजर रहे हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि हम जल्द से जल्द इस से बाहर निकलें और अपने जीवन में फिर से सामान्य समय वापस लाएं। इस महामारी के कारण पर्यटन सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है लेकिन यकीन है कि लोग उत्साह और प्रतिबद्वता के माध्यम से इससे बाहर निकल सकेंगे। 
राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र के पुनरूद्वार के लिए किये जा रहे प्रयासों और पहलों के बारे में बात करते हुए पर्यटन मंत्री ने बताया कि कोविद-19 नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट के साथ आगंतुकों की यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। ऐसे सभी पर्यटक सभी सार्वजनिक स्थानों और स्थलों पर निर्बाध रूप से जा सकते हैं।
उत्तराखण्ड सरकार ने टूरिस्ट इंसेंटिव कूपन स्कीम लान्च की है। इस योजना के तहत उत्तराखंड आने वाले सभी पर्यटकों को प्रतिदिन आवास शुल्क का 1000 या 25 प्रतिशत (जो भी कम हो) अधिकतम छूट के अधीन प्रदान किया जाएगा। यूटीडीबी द्वारा संचालित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना और दीनदयाल होमस्टे योजनाओं के तहत लिए गए ऋण पर सरकार पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के लिए मूलराशि पर लगने वाले ब्याज की प्रति पूर्ति करेगी। होटल, रेस्तरां और अन्य सड़क के किनारे के ढाबों के लिए पानी के बिल में वार्षिक वृद्वि को इस साल सामान्य 15 प्रतिशत के बजाय 9 प्रतिशत तक लाया गया है।
पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की समस्या के समाधान के बारे में बताया गया कि ‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार और होमस्टे जैसी योजनाओं के लिए आनलाइन पंजीकरण की सुविधा की गयी है। अब साधारण क्लिक के साथ एक निवासी इन योजनाओं के तहत पंजीकृत हो सकता है और नई बसों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी या 15 लाख तक का लाभ उठा सकता है। इसी तरह होमस्टे योजना के तहत पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 33 प्रतिशत या 10 लाख रुपये और मैदानी इलाकों में 25 प्रतिशत या 7.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। 
धार्मिक पर्यटन के लिए उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ के रूप में भी जाना जाता है, धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार अवसर है। इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए, हमारी सरकार ने पहले से ही पवित्र सर्किटों जैसे रामायण सर्किट, सीता सर्किट और महाभारत सर्किट पर काम करना शुरू कर दिया है। एक बार यह नया सर्किट पूरा होने के बाद राज्य में धार्मिक पर्यटन के नए रास्ते खुलेंगे। 
उन्होंने कहा कि ‘साहसिक पर्यटन’ की दृष्टि से हाल के वर्षों में हमारा राज्य साहसिक प्रेमियों के बीच प्रसिद्व हो गया है। हमारे पहाड़ी इलाके और जंगल ट्रेकिंग, राफ्रिटंग, कैम्पिंग आदि जैसे रोमांचकारी रोमांच के लिए एक आदर्श स्थलाकृति प्रस्तुत करते हैं चाहे यह उच्च ज्वार के पानी में उतरने के बारे में हो या बढ़ती चोटियों पर। सरकार में साहसिक पर्यटन राज्य के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर साहसिक पर्यटन का एक अंतिम अनुभव प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।
री-कनेक्ट व रिस्टार्ट टूरिज्म विषय पर वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रेड प्रदर्शनी का आयोजन फेयरफेस्ट मीडिया लिमिटेड द्वारा किया गया। इसमें भाग लेने वाले अतिथियों संजीव अग्रवाल चैयरमेन व सीईओ फेयरफेस्ट मीडिया लिमिटेड, श्रीमती मीनाक्षी शर्मा महानिदेशक पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, प्रफेड ओकिया एजी निदेशक मार्केट डेवलपमेंट केन्या टूरिज्म बोर्ड, अरविंद बुन्धु निदेशक मॉरीशस टूरिज्म प्रमोशन अथॉरिटी, जेनु देवन मैनेजिंग डायरेक्टर टूरिज्म कॉर्पाेरेशन आफ गुजरात लिमिटेड आदि ने पर्यटन के पुररूद्वार और खोलने के लिए किये गए उपायों पर अपने विचार साझा किए तथा वर्चुअल बी2बी ट्रैवल ट्रैड प्रदर्शनी का संचालन गजनफर इब्राहिम मैनेजिंग डायरेक्टर व सीएमओ ने किया।


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