लाखों युवाओं को रोजगार देने का त्रिवेंद्र सरकार का दावा झूठ का पुलिंदाः मोर्चा
- सरकार दावा कर रही 6-7 लाख लोगों को रोजगार देने का
- त्रिवेंद्र सरकार के साढे 3 साल के कार्यकाल में मात्र 2816 पदों पर हुई लगभग भर्ती
- इनमें सैकड़ों पदों का अधियाचन भी पूर्ववर्ती सरकार का
- अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को साढे तीन वर्ष में भेजा गया 6000 पदों का अधियाचन
- पूर्ववर्ती सरकार ने भी नहीं ली युवाओं को रोजगार के मामले में दिलचस्पी
- कुक्कुट-मत्स्य पालन, सिलाई हेतु की गई दो-चार दिन की ट्रेनिंग को भी मानती है सरकार स्थाई रोजगार
संवाददाता
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अभी हाल ही में त्रिवेंद्र सरकार द्वारा झूठे विज्ञापनों के सहारे युवाओं को भ्रमित करने के उद्देश्य से लगभग 6-7 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही गई है, जोकि सरासर युवा बेरोजगारों से धोखा है।
नेगी ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार अब तक इन साढे तीन वर्षों में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से मात्र 2816 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर पाई, जबकि अभी तक युवाओं को नियुक्ति पत्र प्राप्त नहीं हुए। इसी प्रकार उपनल, युवा कल्याण (दैनिक वेतन भोगी) आदि माध्यमों से भी मात्र दो-चार हजार लोगों को ही अस्थाई रोजगार दे पाई। त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में 6000 पदों पर चयन पूर्ण हुआ, जिसमें से सैकड़ों पद पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अधियाचित किए गए थे।
नेगी ने व्यंग कसते हुए कहा कि सरकार मत्स्य पालन, कुक्कुट तथा सिलाई आदि की दो-चार दिन की ट्रेनिंग को भी सरकार स्थाई रोजगार मान रही है तथा अपने संसाधनों से आटा चक्की आदि छोटे-मोटे काम को भी सरकार अपनी उपलब्धि मान रही है। प्रदेश में लाखों युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं तथा 60-70 हजार पद रिक्त होने के बावजूद भी आज तक सरकार नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाई। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि झूठे विज्ञापन के सहारे युवाओं को भ्रमित करने के बजाए रोजगार देने की दिशा में काम करे।