मेस, कैंटीन बंद करने समेत कई प्रस्ताव
सेना में पैसे और संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की कवायद
प0नि0ब्यूरो
देहरादून। सेना में मैनपावर, वित्तीय और भौतिक संसाधनों को सुव्यवस्थित करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव में मिला है। इस प्रस्ताव ने सैन्य हलकों में हलचल मचा दी है। इसमें सेना दिवस और नई दिल्ली में प्रादेशिक सेना दिवस परेड के साथ ब्रास बैंड, क्वार्टर गार्ड, व्यक्तिगत अधिकारियों की मेस और सीएसडी कैटीन में कटौती का प्रस्ताव है। ये प्रस्तावित उपाय उस आंतरिक समीक्षा रिपोर्ट का हिस्सा हैं जिसका शीर्षक ‘अपटीमिसेशन आफ मेनपावर एंड रिसोर्सः रिव्यू आफ प्रैक्टिश एंड फेसिलिटीज इन इंडियन आर्मी’ हैं।
इसमें कई सुझाव प्रमुख प्रतिष्ठानों, कमांड हेडक्वार्टर और सेना के प्रमुख निदेशकों को भेजे गए हैं, जिसमें व्यापक स्तर पर सहमति मिली है। खबरों के मुताबिक प्रस्तावों में मिले सुझावों में 15 जनवरी को सेना दिवस और 9 अक्टूबर को प्रादेशिक सेना दिवस परेड को बंद करने के उपाय शामिल हैं।
संसाधनों के लिए बेहतर इस्तेमाल के लिए सेना विभिन्न समारोह में कटौती करती दिख रही है। इसके लिए सेना समारोहों, कैंटीनों, मेस और गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने वाले पाइपों ‘सीटी बजाने वाले’ और ड्रमों की टुकड़ियों में कटौती करना चाहती है। इसके अलावा बीटिंग रिट्रीट समारोह को 30 से 18 के बीच लाने का प्रस्ताव है।
बता दें कि इससे पहले गणतंत्र दिवस परेड में मार्चिंग कंटेस्टेंट्स की संख्या 12 से घटाकर 6 कर दी गई थी, हालांकि बैंड्स की संख्या में कोई कमी नहीं आई थी। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि विजय दिवस और कारगिल विजय दिवस समारोह को कम से कम ‘धूमधाम’ के साथ आयोजित किया जाना चाहिए, जबकि इसका उद्देश्य सैनिकों को प्रेरित करना है।
इसके अलावा देशभर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित रंग प्रस्तुति समारोहों के बजाय, यह आयोजन अब राष्ट्रपति भवन में साल में केवल एक बार आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। जनरलों के आवासीय रक्षकों की संख्या केवल 4 (एक एनसीओ और तीन अन्य रैंकों) तक सीमित रखने का प्रस्ताव है और ये भी केवल लेफ्रिटनेंट जनरलों और ऊपर के अधिकारों के अनुसार अधिकृत होंगे।
प्रस्ताव के अनुसार अन्य स्टेशनों का दौरा करते समय केवल सेनाध्यक्ष, उप सेना प्रमुख और सेना कमांडरों को रातभर रहने पर आवासीय गार्ड प्रदान किए जाएंगे। आर्मी सर्विस कोर सेंटर और कालेज की मोटर साइकिल राइडर डिस्प्ले टीमें, सीएमपी सेंटर और स्कूल, एक सिग्नल ट्रेंनिंग सेंटर को 2022 तक सिग्नल ट्रेनिंग सेंटर में एक टीम में विलय करने का प्रस्ताव भी है। बाकी टीमों को साल 2025 तक भंग किया जाना है।