शरीर में बिना दर्द वाली गांठें बनना लाइपोमा के लक्षण
प0नि0डेस्क
देहरादून। लाइपोमा एक स्किन कंडीशन है जो कई लोगों में देखी जाती है। इसमें शरीर की स्किन के अंदर गांठ बन जाती है। कई बार ऐसा लगता है जैसे स्किन के अंदर कोई बाल है।
अब लाइपोमा के बारे में भी जान लें। दरअसल लाइपोमा चर्बी की गांठ होती है। पफैट सेल्स के बढ़ने के कारण, मसल और स्किन के बीच में ये पफैट सेल्स ग्रो होकर चर्बी की गांठ बन जाते है। लाइपोमा स्किन में होने वाली सबसे कामन ट्यूमर है। सारे लाइपोमा बेनाइन ट्यूमर होते हैं। ये कैंसर में नहीं बदलते और न इनमें दर्द होता है, न ही ये फैलते हैं। जबकि लाइपोसरकोमा एक कैंसरस कंडीशन है। एक प्रतिशत से भी कम लाइपोमा केसेज कन्वर्ट होकर लाइपोसरकोमा बनते हैं। लेकिन इनकी जांच करना जरूरी है।
अब सोच रहें होंगे कि लाइपोमा किस वजह से हो जाते है? तो आपको बता दें कि लाइपोमा होने की सटीक वजह डाक्टर्स को नहीं पता है। इसका कोई भी वैज्ञानिक तथ्य नहीं मिला ह। इसके होने की कुछ वजहें अवश्य है मसलन अनुवोंशिक। यानि परिवार में लाइपोमा की हिस्ट्री रही है तो आपको भी हो सकता है।
वहीं चोट लगने पर भी लाइपोमा उस जगह पर हो सकता है, जिस जगह पर चोट लगी है। इसका भी कोई ठोस सुबूत नहीं है पर आमतौर पर ऐसा देखा गया है। इसका एक कारण मेटाबालिक भी है। यदि कोलेस्ट्राल बढ़ रहा हो, डायबिटीज हो, मोटापा हो, आप एक्सरसाइज नहीं करते हों, ज्यादा चलते फिरते न हों, तो यह हो सकता है।
हालांकि लाइपोमा क्या होता है ये तो ज्ञात है। लेकिन इलाज की जानकारी भी जरूरी हैं। जैसा कि सभी जानते है कि लाइपोमा शरीर में गर्दन, चेहरा, पीठ, हाथ, पांव, पेट कहीं भी हो सकता है, ये शरीर के अंदर भी उग सकती हैं।
एक बीमारी डेर्कम डिजीज होती है जिसमें शरीर में कई लाइपोमा हो जाते हैं। लाइपोमा छोटे, बड़े दोनों साइज के हो सकते हैं। लाइपोमा मर्दों में ज्यादा पाया जाता है। 100 लोगों में एक से दो लोगों को लाइपोमा की बीमारी रहती है।
लाइपोमा का इलाज मुख्यतः सर्जरी है। इसमें चीरा लगाकर इसको निकाला जाता है। पिफर बायोप्सी के लिए भेजा जाता है।इसके अलावा इंजेक्शन भी दिया जाता है। बड़े लाइपोमा में लेजर से गांठ हटाई जाती है ताकि निशान न पड़ें।