पैन कार्ड में होता है महिला के पिता का नाम
प0नि0ब्यरो
देहरादून। एक महिला का विवाह होने के बाद उसकी पहचान बदल जाती है। तमाम सरकारी ड्क्यूमेंट्स और आईडेंटिटी पत्रों में पिता के स्थान पर पति का नाम दर्ज किया जाता है लेकिन पैन कार्ड में पति का नाम नही होता। पैन कार्ड में विवाह के बाद भी लड़की के पिता का नाम प्रदर्शित होता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब नाम परिवर्तन की सुविधा सरकारी स्तर पर मौजूद है तो फिर आयकर विभाग पति को मान्यता क्यों नहीं देता। पैन कार्ड यानि परमानेंट अकाउंट नंबर। यह अकाउंट नंबर देश में निवास करने वाले नागरिकों की आर्थिक गतिविधियों के लिए अनिवार्य है। वेतन या किसी भी प्रकार का भुगतान प्राप्त करने से लेकर टैक्स अदा करने तक पैन नंबर की जरूरत होती है।
पैन कार्ड और पैन नंबर भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। इसमें खाता धारक का नाम, उसके पिता का नाम, जन्म की तारीख, पफोटो और हस्ताक्षर दर्ज होते है। कार्ड धारक विवाहित महिला है तब भी पिता का नाम दर्ज ही किया जाता है।
आयकर विभाग पति या परिवार को मान्यता देता है। विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों में पूरे परिवार की जानकारी होती है लेकिन जहां तक पैन नंबर का सवाल है तो यह एक परमानेंट अकाउंट नंबर है। विवाह भले ही सात जन्मों का बंधन हो परंतु कानून में तलाक की व्यवस्था भी है। ऐसी स्थिति में परमानेंट अकाउंट नंबर में दर्ज जानकारी को बदलना पड़ेगा। यदि एडिट करने की सुविधा दे दी गई तो फिर परमानेंट क्या रह जाएगा।
आयकर विभाग में हर व्यक्ति की अपनी एक पहचान है और और पैन नंबर उसी पहचान की संख्या है। महिला के तलाक होने, दूसरी शादी होने या किसी अन्य स्थिति में पैन नंबर में दर्ज जानकारी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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