कार्मिक मंत्रालय द्वारा हाल ही में लागू किए गए कुछ पथ-प्रदर्शक सुधारों का उल्लेख करते हुए डाा0 जितेंद्र सिंह ने कहा कि कार्मिक मंत्रालय में पेंशन विभाग को अक्सर वरिष्ठ नागरिकों से शिकायतें सुननी पड़ती थी कि उनके पेंशन पेमेंट ऑर्डर की मूल प्रतियां अक्सर गलत स्थान पर रख दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियों में पेंशनभोगियों, विशेष रूप से पुराने पेंशनभोगियों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
डा0 जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिजिटलिकरण पर जोर दिए जाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले 6 वर्षों में इस दिशा में तेजी से प्रगति हुई है और भारत सरकार में कई मंत्रालय और विभाग कोविड महामारी के आरम्भ होने से पहले ही लगभग 80 प्रतिशत कार्य ई-ऑफिस के माध्यम से कर रहे थे। उन्होंने पेंशन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी, जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक पेंशन पेमेंट ऑर्डर का प्रावधान सफलतापूर्वक लागू किया। यह ऐसे कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए वरदान के रूप में सामने आया, जो लॉकडाउन अवधि के दौरान सेवानिवृत्त हुए थे और जिन्हें उनके पीपीओ की हार्ड कॉपी को व्यक्तिगत रूप से प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। उल्लेखनीय है कि महामारी के दौरान पेंशन भोगियों के सामने आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए लक्षित समय-सीमा से पहले ही समस्त प्रक्रिया पूरी कर ली गई।
इसी के अनुरूप पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने डिजी-लॉकर के साथ सीजीए (नियंत्रक महालेखाकार) के पीएफएमएस एप्लीकेशन के जरिए जेनरेटेड इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ को समेकित करने का फैसला किया। यह पेंशनभोगी को डिजी-लॉकर खाते से उसके पीपीओ की नवीनतम प्रति का तत्काल प्रिंटआउट प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
डा0 जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशनभोगियों, जिनकी आबादी जीवनकाल में वृद्धि और स्वास्थ्य की बेहतर स्थिति के कारण दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, के जीवनयापन में सुगमता लाने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए कई सुधार लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें सेवानिवृत्ति-पूर्व कार्यशाला तथा परामर्शी सत्र एवं जीवन के सेवानिवृत्ति-पश्चात चरण में सार्थक तरीके से जीवनयापन में सहायता शामिल है, जिससे कि वरिष्ठ नागरिकों की ऊर्जा, विशेषज्ञता तथा उनके अनुभवों का समाज की सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रयोजन के लिए बेहतर उपयोग किया जा सके।