चैक क्लीयर होने में कितना समय लगेगा!
कोई चैक क्लीयर होने में कितना समय लेता है!
प0नि0डेस्क
देहरादून। आपने किसी को अपना चैक दे दिया और अकाउन्ट में पैसे कम है। ऐसे में यदि कार या बाईक की किस्त (ईएमआई) जानी है। आप इसे लेकर परेशान होंगे क्योंकि चैक बाउंस होने का मतलब है कि पेनाल्टी और ब्याज भरना होगा।
आपने अपने किसी परिचित से मदद मांगी ताकि वे आपके खाते में चैक लगा दें। जिससे आप ईएमआई का भुगतान कर सकें। लेकिन क्या चैक का पैसा यह ईएमआई के पहले खाते में आ जाएगा!
अब मुख्य सवाल यही कि कोई चैक क्लियरिंग में कितना समय लेता है? तो बता दें कि चैक की प्रोसेसिंग में लगने वाला समय कुछ बातों पर निर्भर, लोकल क्लीयरिंग, आउट स्टेशन क्लीयरिंग, उसी शाखा में ट्रांसफर, हाई वैल्यू क्लीयरिंग।
लोकल क्लीयरिंगः यह तब होती है जब आप उसी शहर की बैंक शाखा में कोई चैक जमा करते हैं। यानी समान शहर में बैंक खाता है तो लोकल क्लीयरिंग होती है।
लोकल चैक की प्रक्रिया इस प्रकार है- पहले दिन आप स्थानीय चैक अपने बैंक खाते में लगाते हैं। आपका बैंक रिजर्व बैंक आफ इंडिया के क्लीयरिंग हाउस में भेजता है। एक क्लीयरिंग हाउस बैंकों का एक एसोसिएशन है, जिसमें किसी शहर के विभिन्न बैंकों के चैक क्लीयर होते हैं। क्लीयरिंग हाउस में बैंक चैक बटोरते हैं, जो उनकी किसी भी शाखा से ड्रा किए जाते हैं। इन बैंकों का मुख्यालय चैक संबंधित शाखाओं को क्लीयरिंग के लिए भेजते हैं। इसे इनवर्ड क्लीयरिंग चैक भी कहा जाता है।
तीसरे दिन आपके खाते में रकम आती है। अगर ग्राहक के खाते से बैंक रकम आपके खाते में ट्रांसफर करने में (किसी भी कारण से) सफल नहीं हो पाती है तो चैक फिर उसी बैंक के पास आ जाता है, जिसने चैक पेश किया था। (यह वह बैंक है जिसमें आपका खाता है) अपने खाते में जमा होने वाला चैक 2-3 दिन में क्रेडिट हो जाता है।
आउट स्टेशन क्लीयरिंगः नाम से ही स्पष्ट है कि आप एक ऐसा चैक जमा करते हैं, जो दूसरे शहर की बैंक शाखा का है। इसमें पहले जैसी ही प्रक्रिया होती है, केवल एक अंतर है। आपके खाते में रकम आने में ज्यादा समय लग जाता है। उसका कारण यह है कि फिजिकल चैक एक शहर से दूसरे शहर जाने में कुछ समय लग जाता है।
सामान्यतः आउट स्टेशन क्लीयरिंग में 7-10 दिन का समय लग जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि बैंक ब्रांच कहां है।
जिस शाखा में आपका खाता है जब उसी में ड्रा होने वाला चैक लगाया जाता है तो इसमें सबसे कम समय लगता है। उसी दिन आपको अपने खाते में पैसा मिल जाता है।
हाई वैल्यू क्लीयरिंगः एक लाख रुपए या उससे ज्यादा राशि के चैक को हाईवैल्यू कहा जाता है। हाई वैल्यू क्लीयरिंग (एचवीसी) में आपका लोकल चैक उसी दिन क्लीयर हो जाता है। आपके खाते में अगली सुबह ही धन आ जाता है।
इसके लिए आपको सुबह कट आफ टाइम के पहले पैसा जमा करना चाहिए। ध्यान रहे कि चैक की प्रोसेसिंग एचवीसी के तहत हो।
अपने बैंक की चैक कलेक्शन की नीति देख लें। रिजर्व बैंक के अनुसार सभी बैंकों को इस नीति का पालन करना पड़ता है। यह ग्राहकों को देखना चाहिए कि उनके खाते में रकम आने के लिए निर्धारित समय क्या है।
आपके बैंक द्वारा लागू आउट स्टेशन क्लीयरिंग और एचवीसी शुल्क देख लें। आउट स्टेशन चैक के मामले में बैंक 15 से 500 रुपए तक वसूलते हैं। यह चैक की रकम और स्थान के हिसाब से लगाया जाता है। रिजर्व बैंक ने इन शुल्कों में कटौती का एक प्रस्ताव तो दिया है। इससे ग्राहकों को फायदा होगा। जहां तक एचवीसी का सवाल है शुल्क 20 से 50 रुपए के बीच लगते हैं।
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