गुरुवार, 7 जनवरी 2021

पहले से ज्यादा तेज घूम रही पृथ्वी

पहले से ज्यादा तेज घूम रही पृथ्वी

रफ्तार बढ़ने से कम होंगे दिन-रात के घंटे!



एजेंसी

नई दिल्ली। धरती की रफ्तार बढ़ने से वैज्ञानिक परेशान हैं। सभी जानते हैं कि 24 घंटे में दिन और रात होते हैं। धरती अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में 24 घंटे का वक्त लगाती है। अगर धरती की धुरी पर घूमने की रफ्तार बढ़ जाए तो घबराहट स्वभाविक ही है। वैज्ञानिकों की मानें तो पिछले 50 सालों के दौरान धरती अपनी धुरी पर तेजी से घूमने लगी है। इससे दिन-रात 24 घंटे से कम होने लगे हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा साल 2020 से हो रहा है। वैज्ञानिकों ने 1960 के बाद पृथ्वी की गति को लेकर आंकड़ें जमा किए। उसके मुताबिक 19 जुलाई 2020 को सबसे छोटा दिन हुआ था। पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस के वैज्ञानिकों के आंकड़ों के मुताबिक 19 जुलाई 2020 को दिन 24 घंटे से 1.46 मिलि सेकेंड कम रहा। पिछले 12 महीनों में यह रिकॉर्ड 28 बार टूट चुका है।

वैज्ञानिकों का दावा है कि औसतन एक दिन में 24 घंटा 0.5 सेकेंट कम हो गया है। इसे ‘निगेटिव लीप सेकेंड’ नाम दिया गया है। धरती के घूमने की गति बढ़ने और दिन-रात के घंटों में कमी से टाइम कैलकुलेशन बदलना पड़ेगा। जबकि कम्युनिकेशन मशीन, सैटेलाइट सोलर सिस्टम को बदलना होगा। इसे सूरज, चांद, तारों की स्थिति के अनुसार सेट किया जाता है क्योंकि हमारे लिए 24 घंटे में दिन और रात होता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले पांच दशकों में कई बार लीप सेकेंड जोड़े जा चुके हैं। साल 1970 से अब तक 27 लीप सेकेंड जोडे़ गए हैं। धरती की घूमने की गति में होने वाले बदलाव के कारण ऐसा किया जाता है। आखिरी बार 31 दिसंबर 2016 को लीप सेकेंड जोड़ा गया था। अब लीप सेकेंड की जगह ‘निगेटिव लीप सेकेंड’ जोड़ने की बात हो रही है। धरती की रफ्तार बढ़ने से मौसम पर भी असर तय है।


अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।

मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी संवाददाता देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण न...