दवाई के पत्तों पर बने निशान की जानकारी बेहद जरूरी
प0नि0डेस्क
देहरादून। दवाइयों का सेवन बहुत सोच-समझकर करना चाहिये। कुछ लोग बिना डाक्टर की सलाह के कोई भी दवाई खरीदकर खा लेते हैं। इससे बीमारी तो ठीक नहीं होती बल्कि परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में दवा कोई भी हो, इन्हें खरीदने के नियम जानना बहुत जरूरी है।
जिन दवाइयों को संभलकर लेना चाहिए, उनके लिए कुछ चिह्न बनाए गए हैं। जो दवाई के पत्तों पर भी दिए होते हैं। कुछ दवाई के पत्तो पर लाल रंग की पट्टी बनी होती है लेकिन ऐसे निशानों के मायने क्या हैं, यह जानना बेहद जरूरी है।
जिन दवाइयों के पत्तों पर लाल रंग की लंबी पट्टी बनी होती है, उन्हें डाक्टर के पर्चे के बिना न तो बेचा जा सकता है और न ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। एंटीबायोटिक दवाओं का ग़लत तरह से इस्तेमाल न हो, इसलिए दवाइयों पर लाल रंग की पट्टी लगाई जाती है।
कुछ दवाइयों के नाम के सबसे ऊपर आरएक्स का निशान होता है। इसका अर्थ है कि यह डाक्टर द्वारा दी गई दवा है। यह दवा सिर्फ उसी मरीज को दी जा सकती है जिसे डाक्टर ने अपने पर्चे पर लिख कर दी हो। डाक्टर की सलाह के बिना इन दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।
एनआरएक्स नाम के सबसे ऊपर लिखा होता है। इसका मतलब है कि ऐसी दवाइयों को लेने की सलाह सिर्फ वही डाक्टर दे सकते हैं, जिन्हें नशीली दवाओं को प्रिस्क्राइब करने का लाइसेंस प्राप्त है। साथ ही इसे वहीं बेच सकता है जिसके पास इसका लाइसेंस है।
अगर एक्सआरएक्स लिखा हो तो ये दवाइयां मेडिकल स्टोर से नहीं ले सकते। ये केवल उन डाक्टर के पास होती है जिनके पास इसका लाइसेंस है। इसे डाक्टर सीधे मरीज को दे सकते हैं। वहीं मरीज इसे किसी भी मेडिकल स्टोर से नहीं खरीद सकता। अगर उसके पास डाक्टर द्वारा लिखा पर्चा भी होगा, तब भी वह उसे नहीं खरीद सकता।
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