मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

घडियाली आंसू और सात खून माफ!

 घडियाली आंसू और सात खून माफ!



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। गणतंत्र दिवस के दिन जो शर्मनाक ड्रामा किसानों के नाम पर लाल किले की प्राचीर पर देखने को मिला, वह वाकई माफी के लायक नहीं था। जिस तरह से वहां पर तथा कथित किसानों ने उत्पात मचाया वह देश और तिरंगे का अपमान ही था। इसके कारण देश भर में किसनों के आंदोलन के प्रति जो सहानुभूति लोगों में थी, वह क्षीण हो गई। अब लोग भी इससे अजीज आ गए है। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में एक मोड़ आ गया और गलती करने वालों के हौसलों को जैसे पंख लग गए। अपने को कानूनी शिकंजे में फंसता देख स्वयं को बहादुर शो करने वाले राकेश टिकैत रोने लगे। उन्हें लगने लगा कि अब तो वे कई सालों के लिए जेल की सलाखों के पीछे चले जायेंगे। इसलिए घबराहट में उनके आंसू निकलने लगे। 

लेकिन उनके घड़ियाली आंसूओं को तमाम विपक्षी दलों ने राजनीति का औजार बनाकर भुना लिया और एक मरे हुए में जान फूंक दी। इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि देश को और देश के झंड़े को अपमानित करने वाला जवाबदेह नेता सिर्फ इसलिए छूट जाये कि वह प्रभावशाली है। क्या किसान आंदोलन की गारंटी लेने वाले यह तथाकथित नेता इस बिना पर माफी दिए जाने लायक है! यह केवल सरकार के विचार का विषय नहीं है। यह देश और समाज के लिए भी विचारणीय है। राजनीतिज्ञ दलों को भी याद रखना चाहिये कि विरोध के लिए इस हद तक चले जाना क्या उचित और न्यायसंगत है? सरकार को नीचा दिखाने के लिए और कितना नीचे गिरेगा हमारे देश का विपक्ष? यह सवाल भी लोगों के जहन में जरूर होगा। 

देश और समाज में हर प्रकार के पेशे के लोगों का योगदान होता है। चाहे वे किसान हो या मजदूर। अमीर हो या गरीब, सब अपने अपने अनुसार देश के विकास और उन्नति के लिए योगदान देते है। खासकर देश का करदाता सबसे अहम जिम्मेदारी निभाते है। लेकिन हमारे यहां सिस्टम ऐसा बन गया है कि चोरों को प्रोत्साहन दिया जाता है और ईमानदारों का तिरस्कार होता है। यही कारण है कि केवल सरकार का विरोध करने के लिए घृणित गलती करने वालों को माफी मिल जाती है। जबकि वह शख्स देश की अस्मिता से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आता। आखिर यह कैसी राजनीति है जो किसी राजनीतिज्ञ को इस हद तक नीचे गिरा देती है।


अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।

मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी संवाददाता देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण न...