कालेस्ट्राल को कम करने के लिए आटे में करें बदलाव
प0नि0डेस्क
देहरादून। अक्सर लोग आपस में बात करते समय जिक्र करते है कि उनका कालेस्ट्राल बढ़ गया है। ऐसे में कहा जाता है कि व्यायाम किया करें। व्यायाम तो कालेस्ट्राल के मरीज के जरूरी है ही इसके साथ ही डायट में क्या और कैसे लें ये भी ध्यान रखना होता है। ताकि कालेस्ट्राल कम करने में आसानी हो।
अब सवाल यह कि कालेस्ट्राल को कम कैसे किया जाये! आमतौर पर जिनका कालेस्ट्राल बढ़ा होता है वे बटर, घी और फैट आदि से परहेज रखते हैं। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते है कि आटे में थोड़े से बदलाव करने से कालेस्ट्राल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
ओट से कालेस्ट्राल कम होता है। गेहूं के आटे में ओट का आटा और चोकर मिलाकर इसकी रोटियां खाने से कालेस्ट्राल को कम किया जा सकता है। आमतौर पर ओट्स को लोग ब्रेकफास्ट सीरियल के रूप में खाते हैं लेकिन ओट का आटा बनाकर उसमें मौजूद सोलिबल फाइबर कालेस्ट्राल को कम कर सकता है।
इसके लिए एक किलो आटे में एक तिहाई ओट का आटा मिला लें। एक चम्मच चोकर को भी आटे में मिक्स कर सकते हैं। इसको गूंथने के लिए दही या दूध का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। करी पत्ते के चूरे को आटे में मिलाकर खाने से भी कालेस्ट्राल कम होता है।
अगर गेहूं के आटे में चोकर, करी पत्ते का चूरा, ओट्स का आटा सब मिक्स कर लेते हैं और इसे दूध से भिगोते हैं तो इस आटे की रोटियां मुलायम भी बनेंगी और इससे कालेस्ट्राल भी कंट्रोल होगा।
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