सीआरपीएफ ने 82वीं वर्षगांठ मनाई
गृृृह राज्य मंंत्री नित्यानंद राय ने सीआरपीएफ कर्मियों की कोरोना योद्धा के रूप में निभाई गई भूमिका की सराहना की
एजेंसी
सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में सीआरपीएफ कर्मियों की कोरोना योद्धा के रूप में निभाई गई भूमिका की सराहना की। उन्होंने 80 हजार सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा समाज की सेवा के लिए निस्वार्थ भाव से किए गए अंगदान की भी प्रशंसा की। इसके अतिरिक्त प्रकृति योद्धा के रुप में लगाए गए 25 लाख पौधों और राष्ट्रीय दिव्यांग सशक्तीकरण केंद्र की स्थापना में अहम भूमिका निभाने के लिए भी उनकी सराहना की।
नित्यानंद राय ने महिला सशक्तीकरण में सीआरपीएफ के असाधारण कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह आतंकवाद, उग्रवाद, वामपंथी उग्रवाद और दंगा नियंत्रण में रैपिड एक्शन फोर्स के रूप में, कानून व्यवस्था को बनाए रखने, सांप्रदायिक समरसता और आपदा प्रबंधन जैसी अहम जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर उठाए रखते हैं।
विभिन्न श्रेणियों में असाधारण उपलब्धियों के लिए वीरता पदक और ट्रॉफियां प्रदान करते हुए राय ने अपने संबोधन में सीआरपीएफ कर्मियों और उनके परिवारों को बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने में उनके अपार और अद्वितीय योगदान को सलाम किया। उन्होंने यह भी कहा कि 'सेवा और वफादारी' के आदर्श वाक्य के लिए सीआरपीएफ की कटिबद्धता उसके कार्य संस्कृति में शामिल है ।
अपने संबोधन में सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने मंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया। महानिदेशक ने बल के जवानों और उनके परिवारों के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं और भरोसा दिलाया कि रिजर्व बल पूरी दृढ़ता और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करती रहेगी।
इस समारोह में सीआरपीएफ की प्रसिद्ध सीआरपीएफ स्पोर्ट्स टीम, मल्लखंब टीम और महिला डेयरडेविल्स द्वारा बाइक स्टंट के भी आकर्षक प्रदर्शन भी किए गए।
आज के ही दिन 1950 में सीआरपीएफ अधिनियम लागू होने के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सीआरपीएफ को उसका रंग और मौजूदा नाम दिया था।। सीआरपीएफ का साल 1939 में क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में गठन किया गया था।
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