एनआरएलएम के तहत कार्य कर रहे समूह को नहीं मिल पा रहा समुचित लाभ: मोर्चा
संंवाददाता
देहरादून। ग्राम डोभरी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह के रूप में कार्य कर रही महिलाओं ने योजना का शत प्रतिशत लाभ जरूरतमंदों को दिए जाने, योजनाओं का लाभ कुछ खास चेहतों को दिए जाने के खिलाफ एवं अनियमितता को लेकर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के सम्मुख अपनी समस्याओं को रखा, जिस पर मोर्चा अध्यक्ष ने शासन- प्रशासन तक उनकी बात पहुंचाने का भरोसा दिलाया। नेगी ने कहा कि उक्त योजना के तहत कार्य कर रही महिलाओं को रोजगार से आर्थिक संपन्नता, उनके विकास एवं वास्तविक जरूरतमंद यथा गरीब, विकलांग व विधवा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिलाने को लेकर स्वयं सहायता समूह को जागरूक होने की आवश्यकता है, जिससे योजना का शत प्रतिशत लाभ जरूरतमंदों को मिल सके। जानकारी के अभाव में वास्तविक जरूरतमंद महिलाओं का हक कुछ सेटिंग बाज उठा रहे हैं, जिसका पोस्टमार्टम किया जाना जरूरी है।
समूहों की क्लस्टर अध्यक्ष श्रीमती कल्पना बिष्ट ने भी अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने कहा कि योजनाओं में जैसे जूट बैग बनाने, टेक होम राशन पैकिंग योजना एवं अम्मा कैंटीन इत्यादि का कार्य उसके टेंडर आदि का स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को मालूम नहीं पड़ता, जिस कारण वे वंचित रह जाती हैं। इनकी प्राथमिकता समूह से जुड़ी अति गरीब, विधवा बहनो ओर विकलांगो को दी जानी चाहिए। अभी आईपीआरपी के पदों का चुनाव हुआ, उसकी भी गाँव के संगठनों को कोई जानकारी नही। उसका लाभ भी चेहतों ने उठाया। गाँव की सक्रिय बहनोंं को उनके काम का मेहनताना नही देते, जिनको मिलता है वो भी पूरा नही मिलता। सालों के मेहनताने पेंडिंग पड़े हैं। सहायता समूह को स्टार्टअप फंड एवं प्रशिक्षण भी सही समय पर नहीं मिल पाता। प्रशिक्षण मांगते रहो , यदि आ गया तो उसके मापदंड ऐसे हैं, जिनका सर है ना पैर।
कार्यक्रम में दीपा रावत, रोशनी, सुनीता गुसाईं, सरिता भट्ट, रीना, सुमन नेवली, मंजू, नीरू त्यागी, सोनी, राखी, बीना, कला देवी, निर्मला, पूनम, शशि, इमराना, सलमा, माधुरी, नीतू रानी, बिंद्रा, अनीता चौहान, सुनीता, करनजीत, बालेश्वरी देवी, कमला देवी, मोनिका, सोनिया, आमो देवी, उषा, लक्ष्मी, सतीश, मीरा आदि मौजूद थे।