मोर्चा ने की कैग रिपोर्ट का संज्ञान ले खनन राजस्व वसूली की कार्रवाई की मांग
- प्रदेश के ठेकेदारों द्वारा उपखनिज चोरी का है मामला - 4000 करोड़ के खनन घोटाले की अब तक नहीं हो पाई जांच
- सरकार जांच कराए तो मिल सकता है लगभग ₹500 करोड़ राजस्व
- सूचना आयोग/ शासन के आदेश मातहत अधिकारियों के आगे बौने
- मोर्चा 6-7 साल से अनवरत जुटा है कार्रवाई कराने को संंवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्ष की रिपोर्ट ने जिस तरह से प्रदेश के विभिन्न विभागों में काम करने वाले ठेकेदारों द्वारा खनिज चोरी यानि विभागों में बिना रवन्ना जमा कराए सरकार को लगभग 237 करोड रुपए का चूना लगाने का खुलासा किया है, ये कृत्य अधिकारियों/ ठेकेदारों/ माफियाओं की सांठगांठ का जीता जागता उदाहरण है, जिसकी रिकवरी के लिए सरकार को अधिकारियों की नकेल कसनी चाहिए।
नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय एक ऐसे ही लगभग 4000 करोड के उप खनिज चोरी के मामले में मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी द्वारा सूचना आयोग से कई बार इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कराने को लेकर लड़ाई लड़ी, जिस पर कार्रवाई करते हुए वर्ष 2017 एवं 2019 में सूचना आयुक्त ने शासन को निर्देश दिए थे तथा एक बार स्वयं मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी की मांग पर सूचना आयोग ने वर्ष 2015 में भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। शासन/ प्रशासन की धींगा मस्ती मिलीभगत के कारण सरकार को उक्त घोटाले से मिलने वाले लगभग ₹500 करोड़ राजस्व की रिकवरी मामले में कार्रवाई नहीं हो पाई। नेगी ने दुख जताते हुए कहा कि सरकार चाहे कोई भी रही हो, खनन माफियाओं पर कार्रवाई के मामले में उनको सांप सूंघ जाता है, जिस कारण सरकार को करोड़ों रुपए राजस्व की हानि होती है।
मोर्चा सरकार से मांग करता है कि कैग रिपोर्ट के आधार पर शीघ्र राजस्व वसूली एवं 4000 करोड रुपए के खनन घोटाले की शीघ्र जांच कराएं।
पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज आदि मौजूद रहे।
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