फागुन के रंगे में जीते गोपाल चन्द्र मुखर्जी और डा0 आशा गुप्ता श्रेया
होली पर 28वीं लेखन स्पर्धाः डा0 पूनम अरोरा व बोधनराम निषादराज को दूसरा स्थान
संवाददाता
इंदौर (मप्र)। मातृभाषा हिन्दी और अच्छे सृजन को सम्मान देने के लिए हिंदीभाषा डाट काम परिवार द्वारा मासिक स्पर्धा का आयोजन निरन्तर जारी है। इसी कड़ी में फागुन संग-जीवन रंग विषय पर आयोजित स्पर्धा में पद्य वर्ग में गोपाल चन्द्र मुखर्जी और बोधनराम निषादराज ने जीत हासिल की। ऐसे ही गद्य वर्ग में डा0 आशा गुप्ता श्रेया पहले तथा डा0 पूनम अरोरा दूसरे स्थान पर रहे।
सतत 28वीं स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने जानकारी देते हुए बताया कि पफागुन संग-जीवन रंग विषय पर यह स्पर्धा आयोजित की गई, जिसमें मंच के पंजीकृत सदस्यों सहित बाहर से भी प्रविष्टियां प्राप्त हुई। मानकों का ध्यान रखते हुए चुनिंदा रचनाओं को प्रकाशन में लिया गया। तत्पश्चात उत्कृष्टता अनुसार निर्णायक ने पद्य विधा में छग के रचनाशिल्पी गोपाल चन्द्र मुखर्जी की रचना मायावी फागुन को पहला स्थान दिया। ऐसे ही इसी राज्य से फागुन के रंग के लिए बोधनराम निषादराज विनायक को द्वितीय स्थान मिला है। डा0 हेमलता तिवारी को तीसरा तो ललिता पाण्डेय (दिल्ली) को चौथा स्थान मिला।
स्पर्धा के दूसरे गद्य वर्ग में जीवन में रंगों संग पफगुनाई रचना पर डा0 आशा गुप्ता श्रेया (झारखंड) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि उत्तराखण्डवासी डा0 पूनम अरोरा (रूहेलखंड़ का रंगरेज) दूसरी विजेता बनी हैं। श्रीमती जैन ने बताया कि दिपाली अरुण (महाराष्ट्र) को होली नई शुरूआत का संदेश पर तृतीय एवं मंजू भारद्वाज (सबक जिंदगी का) को चौथा स्थान दिया गया।
श्रीमती जैन ने बताया कि स्पर्धाओं में जीतने वाले सभी विजेताओं व सहभागियों को मार्गदर्शक डा0 एमएल गुप्ता आदित्य (महाराष्ट्र) व संयोजक सम्पादक प्रो0 डा0 सोनाली सिंह ने शुभकामनाएं दी है।
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