पुलिसकर्मियों के एसीपी लाभ विसंगति मामले में मोर्चा शासन में देगा दस्तक
# एमएसीपीएस 2017 (संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना) में 10-20-30 वर्ष की है व्यवस्था # सहायक उप निरीक्षक का पद ढांचे में नहीं, तो मिलना चाहिए उप निरीक्षक के पद पर लाभ
# राज्य सेवा संवर्ग में 2800 ग्रेड पे का पद सृजित नहीं, तो मिले 4600 का लाभ
# वित्त विभाग के आदेश वर्ष 2018 में की गई है स्पष्ट व्याख्या
# एमएसीपीएस में 2400-2800-4200 का था प्रावधान
# जवानों को पदोन्नति के अवसर प्राप्त न होने के चलते एक ही पद पर हो जाती है सेवानिवृत्ति
संवाददाता
विकासनगर। जन मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पुलिस विभाग में कार्यरत जवानों को एसीपी मामले की विसंगति एवं उसके तकनीकी कारणों के चलते भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। यहां तक की पुलिस कर्मियों का मनोबल एवं उनकी कार्यशैली पर भी निश्चित तौर पर प्रभाव पड़ेगा।
नेगी ने कहा कि संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना (एमएसीपीएस) 2017 के आधार पर 10-20- 30 वर्ष की संतोषजनक सेवा के आधार पर प्रोन्नयन व्यवस्था की गई है, जिसके आधार पर 2400-2800- 4200 ग्रेड पे फिक्स किया गया है , इसमें 4200 के स्थान पर 4600 संशोधित किया गया। नेगी ने कहा कि पुलिस विभाग में 2800 ग्रेड पे यानी सहायक उप निरीक्षक का पद सृजित न होने के कारण अगले पद पर यानी उप निरीक्षक के पद पर पर पदोन्नयन किया जाना चाहिए,जिसका ग्रेड पे4200 (अब 4600) सुनिश्चित है तथा वित्त विभाग ने भी 4/5/ 2018 को इस मामले को परिभाषित किया है, जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया है कि जहां संवर्ग के ढांचे में पदोन्नति के पद उपलब्ध नहीं हैं वहां धारित वेतनमान से अगला वेतनमान एसीपी के रूप देय होगा।
मोर्चा पुलिस कर्मियों का अहित नहीं होने देगा तथा मामले को लेकर मुख्य सचिव व वित्त सचिव से मुलाकात करेगा।