कोरोना से बचाव के लिए किन लोगों को नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन
एजेंसी
नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन का तीसरा चरण 1 मई से शुरू होने जा रहा है। इस दौरान देश के 18 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। सरकार भले ही कोरोना वैक्सीन प्रोग्राम को तेज करने की बात कर रही हो लेकिन अभी भी लोगों में वैक्सीन को लेकर डर बरकरार है। कई लोग वैक्सीन लगवाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर परेशान हैं।
कोवैक्सीन की निर्माता भारत बायोटेक ने अपनी फैक्टशीट में कहा कि जिस किसी को भी इनग्रिडिएंट से एलर्जी है, उन्हें वैक्सीन नहीं लेना चाहिए। इसके साथ ही अगर किसी को वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद तेज बुखार या घातक संक्रमण हो रहा है कि तो वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। कोवैक्सीन ने गर्भवती महिलाओं और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी वैक्सीन देने से इनकार कर दिया था। कंपनी ने कहा है कि इस तरह की महिला वैक्सीन लगवाने से पहले अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर को जानकारी दें।
कोविशील्ड की फैक्टशीट में कहा गया है कि गर्भवती या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को फिलहाल वैक्सीन लेने से बचना चाहिए। अगर ये महिला वैक्सीन लगवाना ही चाहती है तो उन्हें हेल्थकेयर प्रोवाइडर से सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ एलर्जी, बुखार होने या पिफर कोई और वैक्सीन ली है तो भी इसकी जानकारी बतानी चाहिए।
कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों ने अपनी-अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के बारे में जानकारी दी है। दोनों ही कंपनियों ने बताया है कि इंजेक्शन लगने वाली जगह पर सूजन, दर्द, लाल और खुजली होने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके साथ ही हाथ में अकड़न, बांह में कमजोरी, पूरे शरीर में दर्द और थकान, बुखार, बेचैनी, चकत्ते, मितली और उल्टी जैसे कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स हैं।
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