प्लाट खरीदने जा रहे हैं तो वास्तु नियमों का करें पालन
प0नि0डेस्क
देहरादून। घर बनाने के लिए प्लाट लेना हरेक का सपना होता है। यदि प्लाट लेते समय वास्तु के नियमों का पालन न किया गया तो वास्तु के अनुरूप घर बनाने के बाद भी परेशानी आ सकती है।
ऐसे में सवाल यह भी कि प्लाट लेना कब शुभ होता है। पूर्व व आग्नेय दिशा ऊंची और पश्चिम व वायव्य नीची या दक्षिण व आग्नेय ऊंची तथा पश्चिम व उत्तर नीची हो, बीच में ऊंची और बाकी दिशाएं नीची हों।
पश्चिम दिशा ऊंची और ईशान व पूर्व नीची हों या आग्नेय दिशा ऊंची और नैऋत्य व उत्तर दिशा में उतार हो। उत्तर दिशा ऊंची और आग्नेय, नैऋत्य व वायव्य दिशा नीची हों या नैऋत्य व आग्नेय ऊंची तथा उत्तर दिशा नीची हो।
आयताकार या वर्गाकार प्लाट शुभ होता है। पूर्व-पश्चिम लंबाई कम व दक्षिणोत्तर लंबाई अधिक होना चाहिए। गोमुखाकार और लंबे गोलाकार प्लाट अत्यंत शुभ माने जाते हैं।
लेकिन यदि जब ईशान का कोना कटा हुआ हो। दो बड़े प्लाट के बीच फंसा छोटा प्लाट हो। यदि प्लाट का मुख (घर का द्वार) पूर्व-आग्नेय, नैऋत्य या वायव्य में हो। प्लाट में पथरीली जमीन या बड़े-बड़े गड्ढेे हों।
यदि ईशान कोण गोलाई में आता हो। दक्षिण में उतार हो, उत्तर ऊंचा हो। यदि पड़ोस के प्लाट में उतार हो (ढलान हो), उत्तर-पूर्व ऊंची और पश्चिम में ढलान हो तो प्लाट खरीदना अशुभ फल देता है।
अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।