नियम विरुद्व स्थानांतरण निरस्त कराने को मोर्चा ने मुख्य सचिव से लगाई गुहार
- वन क्षेत्राधिकारियों के स्थानांतरण का है मामला
- प्रमुख वन संरक्षक ने शासनादेशों का उल्लंघन कर किए स्थानांतरण
- सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 हेतु किया गया था स्थानांतरण सत्र शून्य घोषित
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र प्रेषित कर प्रमुख वन संरक्षक द्वारा 20/05/21 को वन क्षेत्राधिकारियों के कोरोना काल में शासनादेश के विपरीत किए गए स्थानांतरण निरस्त करने का आग्रह किया है।
नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा कार्मिक विभाग के शासनादेश संख्या 116 दिनांक 20/05/20 के द्वारा इस स्थानांतरण सत्र (2020-2021) को शून्य घोषित किया गया था, लेकिन इसके बावजूद भयंकर महामारी में वन क्षेत्राधिकारियों के तबादले जनहित एवं स्वेच्छा में दर्शाकर एक तरफा कर दिए गए।
स्वेच्छा के दृष्टिगत किए गए तबादलों से मोर्चा को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह भी एक तरह से शासनादेश का उल्लंघन है। ऐसे समय में जब देश/प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर व ब्लैक पफंगस जैसी खतरनाक बीमारी अपने पांव पसार चुकी हो, स्थानांतरण किया जाना कतई न्याय संगत प्रतीत नहीं होता। हैरानी की बात यह है कि अधिकारियों को न तो शासन की परवाह है और न ही सरकार की।
मोर्चा ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के कृत्यों को लेकर सरकार से भी इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा।
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