विधायक बत्रा मामले में दरोगा के स्थानांतरण पर मोर्चा ने उठाया सवाल
# स्थानांतरण जल्दबाजी में लिया गया निर्णय जैसा # बत्रा के खिलाफ जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज, षड्यंत्र आदि मामले में वर्ष 2008 में किया गया था मुकदमा
# मुकदमे को लिया गया था सरकार द्वारा वापस
# कानून का सम्मान करना विधायक ने नहीं सीखा #विधायक हो या दारोगा, जो गलत उसके खिलाफ हो कार्रवाई
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने कहा कि अभी हाल ही में रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा मसूरी में घूमने के दौरान मास्क न पहनने के मामले में जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसका सच जनता के सामने आना ही चाहिए। पुलिस द्वारा इस मामले में एक अधिकारी को जांच सौंपी गई है, लेकिन जल्दबाजी एवं दबाव में पुलिस द्वारा संबंधित दरोगा का स्थानांतरण कालसी कर देना पुलिसिया कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।
शर्मा ने कहा कि पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा द्वारा जांच रिपोर्ट आने का इंतजार के बिना ही इतनी जल्दबाजी में संबंधित दरोगा का स्थानांतरण निश्चित तौर पर पुलिस की कार्यशैली को पंगु/ शिथिल बना देने जैसा है। होना तो यह चाहिए था कि अगर विधायक की गलती है तो विधायक के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए था।अगर दरोगा गलत है तो उनके खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए, लेकिन ऐसा न कर एक पक्षीय कार्रवाई की गई है।
शर्मा ने कहा कि बत्रा के खिलाफ पूर्व में थाना कोतवाली, रुड़की में 420, 468, 471, 472, 473, 474 ,120 बी व 34 भा.दं.वि. के तहत वर्ष 2008 में फर्जी डिग्री मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसको सरकार द्वारा वर्ष 2013 में वापस ले लिया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि विधायक की कानून में कोई आस्था नही है। मोर्चा गृह विभाग से मांग करता है कि उक्त मामले में सारा सच जनता के सामने लाए जाने के निर्देश दे।