उक्रांद ने की देवस्थानम बोर्ड को अविलम्ब भंग करने की मांग
संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड़ क्रांति दल के निवर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने उक्रांद के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को अविलम्ब भंग किया जाये। उन्होंने कहा कि दल का मानना है कि उत्तराखंड में धार्मिक अनुष्ठानों व पूजा अर्चना की परम्परा आदिकाल से स्थानीय पुजारी व पंडे करते आये है। इसी से इन लोगो को रोजगार मिलता था। लेकिन राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड को बनाकर स्थानीय पुजारियों के हक हकूक पर डाका डालकर बोर्ड को पूंजीपतियों के हवाले करने का काम कर रही है। राज्य की भाजपानीत सरकार हमारी धार्मिक भावनाओं पर ठेस पहुंचा रही है। उक्रांद सरकार से मांग करती है कि देवस्थानम बोर्ड को अविलम्ब भंग करते हुई धामों में स्थानीय पंडो व पुजारियों के हक हकुकों के साथ कोई छेड़ाखानी न करे, अन्यथा इसका परिणाम बुरा होगा।
भट्ट ने कहा कि कोरोनाकाल में राज्य सरकार हर तरह से असफल रही है। महंगाई पर रोक लगाना, बेरोजगारी का बढ़ना आमजन पर बुरा असर डाल रहा है। कॉन्स्टेबलों की वेतन विसंगति का मामला हो या फिर राज्य की अर्थव्यवस्था खराब होने की दशा, राज्य सरकार केवल जुमलेबाजी के अलावा कुछ नही कर पायी। राज्य की जनता के बीच बहुत बड़ी निराशा है, जिसका माकूल जबाब आगामी विधानसभा चुनावों में जनता देगी।
इस अवसर पर लताफत हुसैन, सुनील ध्यानी, जय प्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत, शांति भट्ट, प्रताप, विपिन रावत, राजेन्द्र बिष्ट, प्रमिला रावत, उत्तम रावत, शिवप्रसाद सेमवाल, अशोक नेगी, राजेन्द्र प्रधान आदि उपस्थित थे।
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