सात लाख रोजगार नामक जुमले की अद्यतन स्थिति स्पष्ट करें कौशिक: मोर्चा
# सात लाख रोजगार नामक जुमला बेरोजगारों से धोखा # प्रदेश का युवा रोजगार के लिए तिल-तिल मरने/ आत्महत्या करने को मजबूर
# स्थाई रोजगार की बात करें तो सिर्फ 10-15 हजार लोगों को ही मिला रोजगार
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक द्वारा इन 4 वर्षों के कार्यकाल में 7 लाख लोगों को रोजगार दिए जाने की बात कही है, जिसके द्वारा उद्योग में लगभग 1.60 लाख, ग्रामीण विकास में 1.53 लाख, वन महकमे में 89 हजार, लोक निर्माण विभाग में 58 हजार, परिवहन में 58 हजार, पेयजल में 41 हजार, पर्यटन में 41 हजार, कौशल विकास में 30 हजार तथा अन्य विभागों में 5 हजार से लेकर 10 हजार तक नौकरियां युवाओं को दिए जाने की बात कही है। नेगी ने कहा कि उक्त आंकड़े पूरी तरह से फर्जी हैं, क्योंकि जो आंकड़े इनके द्वारा बताए गए हैं, वो सिर्फ औद्योगिक इकाइयों में ठेकेदार द्वारा महीना-दो महीना के लिए दिया गया रोजगार, ग्रामीण विकास में स्वयं सहायता समूह से जुड़े लोगों, मनरेगा के तहत दो-तीन महीने का रोजगार, पीआरडी इत्यादि के तहत दो-तीन महीने का रोजगार, दो-चार दिन की रोजगार वाली ट्रेनिंग, अपने संसाधनों से आटा चक्की इत्यादि उद्योग लगाने वाले रोजगार तथा अन्य काल्पनिक रोजगार के नाम पर प्रदेश के युवाओं को छलने का काम किया गया है। नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में लगभग 70 हजार पदों के सापेक्ष सरकार द्वारा मात्र 10-15 हजार युवाओं को ही अब तक रोजगार दिया गया है, जिनमें से अधिकांश पदों पर भर्ती हेतु अधियाचन पूर्ववर्ती सरकार का है। उक्त रोजगार को रोजगार कहा जा सकता है।
नेगी ने कहा कि धरातल पर स्थिति यह है कि सात लाख लोगों को रोजगार दिए जाने नामक जुमला, जो सरकार द्वारा दिया गया था उसमें से 95 फ़ीसदी से ज़्यादा युवा घर बैठा अपने भाग्य को कोस रहा है यानि आज भी उसके पास कोई रोजगार नही है। पूर्व में भी कौशिक द्वारा इन्वेस्टर्स समिट के इन्वेस्टमेंट एवं रोजगार आंकड़ों के नाम पर प्रदेश की जनता को छलने का काम किया गया था।
मोर्चा सरकार व प्रदेश अध्यक्ष कौशिक से इन 7 लाख पदों पर हुई नियुक्ति को परिभाषित करने तथा इनकी अद्यतन स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करता है।