सौहार्द के नए रंग दिखा दीपाली गुंड व ज्ञानवती सक्सेना बनीं विजेता
संवाददाता
इंदौर। देश की संस्कृति को सहेजने, लेखकों को प्रोत्साहन और मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में हिन्दीभाषा डाट काम परिवार के प्रयास जारी हैं। इसी निमित्त सौहार्द विषय पर स्पर्धा कराई गई, जिसमें क्रमशः दीपाली अरुण गुंड (गद्य) व ज्ञानवती सक्सेना ‘ज्ञान’ प्रथम (पद्य) विजेता घोषित किए गए हैं। ऐसे ही द्वितीय विजेता का सौभाग्य अल्पा मेहता (गद्य) एवं संदीप धीमान (पद्य) को मिला है।
निरन्तर आयोजित 33वीं स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। उन्होंने बताया कि इस विषय पर स्पर्धा में अनेक प्रविष्टियां प्राप्त हुई, किन्तु श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक ने विभिन्न बिन्दुओं पर चयन करके गद्य विधा में रचना ‘अलौकिक स्नेह’ के लिए दीपाली अरुण गुंड (महाराष्ट्र) को पहला स्थान दिया है, जबकि इसी वर्ग में ‘सम्बन्ध-बंधनों से परे..’ पर अल्पा मेहता ‘एक एहसास’ (गुजरात) दूसरी विजेता बन गई। इसी में तीसरा स्थान गोवर्धन दास बिन्नाणी (राजस्थान) ने ‘परस्पर हित की कामना ही सौहार्द’ पर प्राप्त किया।
पोर्टल की संयोजक सम्पादक प्रो0 डा0 सोनाली सिंह ने 1.7 करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पा रहे इस मंच के सभी विजेताओं को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
श्रीमती अर्चना जैन ने बताया कि स्पर्धा के अन्तर्गत काव्य श्रेणी में ‘तुम बिन’ पर ज्ञानवती सक्सेना ‘ज्ञान’ (राजस्थान) पहले स्थान पर आई तो ‘अपने में ही झांक रहे हैं’ पर उत्तराखण्ड से संदीप धीमान दूसरे विजेता बन गए। इसी वर्ग में चलो ‘प्रेम-सौहार्द बढ़ाएं’ के लिए मनोरमा जोशी मनु (इंदौर, मप्र) ने तीसरा स्थान पा लिया।
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