इस महीने में हरे रंग की चूड़ियों की मांग सबसे ज्यादा बढ़ जाती है
सावन के महीने में पहनी जाती हैं हरी चूड़ियां
प0नि0डेस्क
देहरादून। सावन भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। यह महीना आयोजनों, अनुष्ठानों और भजन पूजन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसे श्रावण माह के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की आराधना कई तरह से की जाती है। कोई सावन के सोमवार का व्रत रखता है तो कोई 16 सोमवार और शिव तत्त्व में रम जाता है।
गौर हो कि सावन के महीने में ज्यादातर महिलाएं और कुंवारी लड़कियां भगवान शिव की पूजा करती हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव की आराधना करने ने उनको मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है। बता दें कि सावन के महीने में चूड़ियों की बिक्री बढ़ जाती है। खासतौर से इस महीने में हरे रंग की चूड़ियों की मांग सबसे ज्यादा बढ़ जाती है। लेकिन क्या आप जानते है कि सावन के महीने में हरी चूड़ियां क्यों पहनते है!
माना जाता है कि यदि कुंवारी लड़कियां सावन के महीने में शिव जी की पूजा करती हैं तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान होता है। वहीं सावन के महीने में महिलाएं हरी चूड़ियां तो पहनती हैं लेकिन इसके पीछे छुपे रहस्य को बहुत कम लोग जानते है।
दरअसल सावन के महीने में सुहागिन स्त्रियों के लिए कई सारे त्योहार आते हैं, जिसमें कजरी, तीज, हरियाली तीज शामिल हैं। इन त्योहारों में शुरुआत से ही हरे रंग के कपड़े व हरी चूड़ियां पहनने का रिवाज है। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि सावन का महीना प्रकृति के सौंदर्य का महीना होता है। ऐसे में हरा रंग प्रकृति को दर्शाता है। वहीं महादेव को समर्पित इस माह में सभी सुहागिन महिलाएं मेहंदी लगाती हैं।
सावन के महीने में चारों ओर हरियाली फैली रहती हैं, जिसे देखकर आंखों को बहुत सुकून मिलता है। मान्यता है कि हरे रंग के कपड़े या चूड़ियां पहनने से बुध ग्रह भी मजबूत होता है जिससे जीवन में खुशहाली आती है। इसके अलावा हरे रंग के कपड़े या चूड़ियां पहनने से भगवान शिव और विष्णु प्रसन्न होते हैं। वहीं हरा रंग पति-पत्नी के बीच अच्छे संबंध कायम करने में भी मददगार होता है।
यही कारण है कि शिव को प्रसन्न करने एवं प्रकृति के स्वरूप को अपने निकट महसूस करने के वास्ते हरे रंग की चूड़ियों को पहना जाता है।
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