तो केजरीवाल घिसेंगे मुफ्त का चंदन!
प0नि0ब्यूरो
देहरादून। आगामी विधनसभा चुनावों में दिल्ली की आम आदमी पार्टी भी उतरने की तैयारी कर रही है। इसके लिए आम आदमी पार्टी का मिशन उत्तराखंड़ भी परवान चढ़ने लगा है। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली से देहरादून आकर मुफ्तखोरी का चुग्गा राज्य की जनता के समक्ष डाल दिया। आमतौर पर केजरीवाल और उनकी पार्टी जहां भी पांव पसारने जा रही है, वहीं पर मुफ्त बिजली का चुग्गा जनता के लिए फैंका जाता है। जैसा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब और उत्तराखंड़ में ऐलान किया है। पंजाब का तो पता नहीं लेकिन उत्तराखंड़ में जरूर आम आदमी पार्टी के इस ऐलान को प्रदेश के राजनीतिक दलों ने वोट के लिए प्रलोभन देना करार दिया है।
यहां पर कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों ही पार्टियों ने केजरीवाल और उनकी पार्टी की आलोचना करते हुए ऐसे ऐलान को गैर जिम्मेदाराना और अनुचित बताया है। लेकिन जनता के सामने केजरीवाल दिल्ली का उदाहरण रखते हुए उत्तराखंड़ में भी मुफ्त बिजली का शगूफा छोड़ गए। हालांकि इससे पहले ही भाजपा सरकार ने प्रदेश में 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली का ऐलान कर दिया गया था। जबकि कांग्रेस में इसको लेकर जरा मतभेद है। क्योंकि हरदा कह रहे है कि वे 200 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे जबकि उनके दूसरे नेता प्रीतम सिंह ने कहा है कि कांग्रेस जनता को क्या देगी, वह अपने घोषणा पत्र में बतायेगे। यानि कांग्रेस में आज भी विरोधाभास कायम है। लेकिन जिस प्रकार से आम आदमी पार्टी पर दूसरे राजनीतिक दलों द्वारा पलटवार हुए है, वह बताने के लिए काफी है कि वे इसे गंभीरता से ले रहें है।
हालांकि कोरोना काल में बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड़ी दिल्ली से वापस आये है, जिनकी पूंछ पकड़ कर आम आदमी पार्टी चुनावी वैतरणी पार करने का ख्वाब देख रही है। लेकिन दिल्ली में प्रदेश के लोगों के लिए आम आदमी पार्टी का बेहतर अनुभव नहीं है। क्योंकि मुफ्त बिजली के प्रलोभनों से इतर दिल्ली में और समस्याएं भी है जिनका हल केजरीवाल सरकार के पास नहीं है। वैसे भी प्रदेश में पार्टी के पास आयातित नेताओं की फौज के अलावा स्थानीय क्षत्रपों का अकाल है जो आगे चलकर आप आदमी पार्टी की राह में रोड़ा डालने का काम कर सकता है।
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