जानलेवा हो सकता है सैनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल
हैंड सैनेटाइजर से शरीर में पहुंचते हैं मेथेनाल जैसे जहरीले केमिकल
प0नि0डेस्क
देहरादून। सैनेटाइजर का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना जानलेवा साबित हो सकता है। एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि सैनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल करने से आंखों की रोशनी जाने के साथ मौत भी हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। सैनेटाइजर में मौजूद जहरीले केमिकल स्किन के जरिए बच्चों के शरीर में पहुंच सकते हैं।
हैंड सैनेटाइजर में तीन तरह के अल्कोहल इस्तेमाल किए जाते हैं। इनमें से एक है, मेथेनाल। इसका अधिक इस्तेमाल करने पर आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खत्म हो सकती है या मौत भी हो सकती है। अमेरिका में मेथेनाल वाले हैंड सैनेटाइजर बनाने पर बैन लगा दिया गया है। मेथेनाल की जगह एथेनाल और आइसोप्रोपेनाल को सुरक्षित विकल्प माना गया है। जबकि कई देशों में इस्तेमाल हो रहे सैनेटाइजर में मेथेनाल मौजूद है।
बच्चों की स्किन के जरिए मेथेनाल शरीर में पहुंचकर लम्बे समय सेहत पर बुरा असर डालता है। डाक्टर्स का कहना है कि हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल तभी करें जब वाकई में इसकी जरूरत हो। इसे रोजाना इस्तेमाल करने की जगह, कभी-कभार इस्तेमाल करें वो भी कम मात्रा में। बच्चे सैनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल करते हैं तो उनकी स्किन मेथेनाल को एब्जार्ब कर लेती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हैंड सैनेटाइजर के ओवरयूज से बचें। हमारी स्किन ईटों की दीवार की तरह है। हैंड सैनेटाइजर हमें वायरस से बचाता है, लेकिन कई बार ये उसी ईटों की दीवार में सुराग कर देता है। इस तरह यह शरीर में पहुंचता है। अल्कोहल की मात्रा अधिक होने के कारण यह स्किन एलर्जी की वजह भी बन सकता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सैनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल करने पर बैक्टीरिया रेसिस्टेंस विकसित कर लेती है। नतीजा ये उन पर बेअसर साबित होता है। अगर आप घर या बाथरूम में हैं तो हैंड सैनेटाइजर की जगह साबुन-पानी से हाथ धोएं। साबुन हाथों से चिपचिपापन खत्म करता है, इसलिए वायरस स्किन पर नहीं टिक पाता।
महामारी की शुरुआत से ही लोगों ने हैंड सैनेटाइजर काफी मात्रा में खरीदा। पिछले साल हैंड सैनेटाइजर की बिक्री 620 गुना तक बढ़ी। महामारी के दौरान कई जगहों पर सैनेटाइजर की कमी हुई तो लोगों ने आनलाइन आर्डर किए।
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