शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

कर्ज के बोझ तले कराहते प्रदेश को विज्ञापनों की फिजूलखर्ची से बचाओ: मोर्चा

 कर्ज के बोझ तले कराहते प्रदेश को विज्ञापनों की फिजूलखर्ची से बचाओ: मोर्चा       



# अब तक 45 हजार करोड़ का बाजारू कर्ज हो गया है प्रदेश पर   
# मार्च 2022 तक 53,560 करोड़ होने की आशंका      # गत वर्ष लिया गया 6200 करोड़ का बाजारु कर्ज़      # इस वित्तीय वर्ष में भी सरकार ले चुकी 1200 करोड़ का कर्ज                
# कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए जा रहा है कर्ज            संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि हमारे गरीब प्रदेश पर आज की तारीख में 45,260 करोड़ का बाजारू कर्ज हो गया है, जिसका ब्याज चुकाना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है, जोकि मार्च 2022 तक बढ़कर 53,560 करोड़ होने की आशंका है। अन्य हजारों करोड़ के कर्ज भी मुंह बाए खड़े हैं। यहां तक कि सरकार को कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। 
सरकार द्वारा वर्ष 2020-21में 6200 करोड़ कर्ज लिया गया तथा इस वित्तीय वर्ष में आज की तारीख तक 1200 करोड़ कर्ज और ले लिया गया। सरकार द्वारा इन कर्ज के पैसों से  विज्ञापनों पर पैसा पानी की तरह बहा जा रहा है, जोकि सरकार की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। मोर्चा सरकार से मांग करता है की विज्ञापनों पर करोड़ों रुपया खर्च करने के बजाय धरातल पर काम करें, जोकि जनता को खुद-ब-खुद दिख जाएगा। 
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व विजय राम शर्मा मौजूद थे।

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