ससमय डीपीसी न होने से कार्मिकों के हित हो रहे प्रभावितः मोर्चा
- रिक्त पद विद्यमान होने के बावजूद कई-कई वर्ष तक नहीं हो पाती डीपीसी
- पदों की गणना, शासन में फाइलों का अनावश्यक मूवमेंट व अन्य तकनीकी खामियां हैं मुख्य कारण
- कार्मिकों को मिले नोशनल पदोन्नति का लाभ
- डीपीसी मामले को लेकर मोर्चा देगा शासन में दस्तक
संवाददाता
विकासनगर। पत्रकार वार्ता में जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न विभागों में कार्यरत कार्मिकों हेतु विभागीय पदोन्नति समिति डीपीसी कैलेंडर ससमय आयोजित न होने के कारण कार्मिकों की वरिष्ठता पिछड़ने के साथ-साथ उनका आर्थिक शोषण भी हो रहा है तथा उनकी कार्यशैली भी प्रभावित हो रही है।
नेगी ने कहा कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही, पदों की गणना, शासन में फाइलों का अनावश्यक मूवमेंट व अन्य तकनीकी खामियों के चलते निर्धारित वर्ष में रिक्तियों के सापेक्ष डीपीसी कैलेंडर जारी न होने के कारण कार्मिकों को लाभ नहीं मिल पाता, जिस कारण इनकी वरिष्ठता पिछड़ती है।
नेगी ने कहा कि इन खामियों के चलते उन कार्मिकों को भी नुकसान उठाना पड़ता है, जो निर्धारित अर्हता रखने के बावजूद संबंधित वर्ष में अधिवर्षता आयु पूर्ण कर रिटायर हो जाते हैं, निर्धारित वर्ष में डीपीसी न होने के पश्चात मृत्यु होने तथा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कार्मिकों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है, ऐसे निर्धारित योग्यता रखने वाले कार्मिकों को नोशनल पदोन्नति का लाभ निश्चित तौर पर दिया जाना चाहिए।
शासनादेशानुसार इस तरह के कार्मिकों को डीपीसी के समय सूचीबद्व तो किया जाता है, लेकिन इन पर विचार नहीं किया जाता। मोर्चा शीघ्र ही कार्मिकों के डीपीसी मामले को लेकर शासन में दस्तक देगा।
पत्रकार वार्ता में ओ0पी0 राणा व भीम सिंह बिष्ट मौजूद थे।
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