शासन ने पीआरडी जवानों हेतु रोस्टर लागू करने का दिया निर्देशः मोर्चा
- वर्ष 2005 से आज तक नहीं लागू नही हो पाया था रोस्टर सिस्टम
- प्रत्येक जवान को एक बार में 6 माह तैनाती का था शासनादेश
- सिफारिश विहीन युवाओं को नहीं मिल पाता कई-कई वर्षों तक रोजगार
- मोर्चा ने मुख्य सचिव से किया था रोस्टर लागू किए जाने का आग्रह
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि पीआरडी जवानों के कल्याण हेतु सबको रोजगार दिए जाने की दशा में सरकार द्वारा दिसंबर 2005 में शासनादेश जारी किया गया था, जिसमें प्रत्येक स्वयंसेवक/जवान को 6-6 माह का रोजगार दिए जाने जाने का उल्लेख था, लेकिन 16 वर्ष बीतने के उपरांत भी रोस्टर प्रणाली को लागू नहीं किया गया।
नेगी ने कहा कि रोस्टर प्रणाली लागू किए जाने हेतु मोर्चा द्वारा मुख्य सचिव से आग्रह किया गया था, जिसके क्रम में शासन द्वारा निदेशक युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल को रोस्टर का अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गए। रोस्टर लागू न होने के कारण सिफारिश विहीन स्वयंसेवक दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं तथा वहीं दूसरी ओर अधिकारियों से सांठगांठ कर सेटिंग बाज निरंतर अपनी सेवाएं देते रहते हैं।
नेगी ने कहा कि रोस्टर लागू न होने से विभाग में न तो पारदर्शिता बनी हुई है और न ही प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को शासनादेशानुसार रोजगार मिल पाता है।
पत्राकार वार्ता में सुशील भारद्वाज व जाबिर हसन मौजूद थे।
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