उत्तराखंड के गजेंद्र बने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड के सदस्य
संवाददाता
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे पहाड़ के सपूतों की सूची में एक नाम गजेंद्र सिंह का भी है। उत्तराखंड के चकराता से आने वाले गजेंद्र सिंह को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) में सदस्य बनाया गया है।
पिछले साल जून में गजेंद्र सिंह गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के निदेशक मार्केटिंग के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें 5 साल अथवा 65 साल का आयुसीमा तक के लिए नई जिम्मेदारी दी गई है। भारत सरकार में अंडर सेक्रेटरी राकेश मिश्रा द्वारा उनकी पीएनजीआरबी में बतौर सदस्य नियुक्ति का आदेश जारी किया गया है।
गजेंद्र सिंह का तेल एवं गैस सेक्टर में 35 साल का शानदार करियर रहा है। 1985 में ओएनजीसी से अपना करियर शुरू करने के बाद उन्होंने साल 1986 से 2020 तक गेल में अपनी सेवाएं दीं। यहां उन्होंने कई अग्रणी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उन्होंने ईडी (गैस सोर्सिंग एंड मार्केटिंग), डायरेक्टर (मार्केटिंग) जैसे अहम पदों पर काम किया। भारत सरकार की अधिकार प्राप्त गैस पूल समिति के सदस्य रहे।
वह आईजीएल, एमएनजीएल, बीजीएल और गेल ग्लोबल सिंगापुर के चेयरमैन रहे। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से प्राकृतिक गैस को हासिल करने और उनकी मार्केटिंग करने के गेल के विजन को अमलीजामा पहनाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
गेल की पाइपलाइन क्षमता के इंप्रफास्ट्रक्चर सुगम बनाने में भी उनका रोल अहम रहा है। उन्होंने गेल को एलएनजी उद्योग में अहम खिलाड़ी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा भारत के गैस सेक्टर का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर प्रतिनिधित्व किया।
नीति, नियामक मुद्दों और भारत सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में अच्छी जानकारी होने के चलते भारत सरकार द्वारा पीएनजीआरबी के सदस्य के रूप में उनका चयन गैस क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को बड़ा बढ़ावा देगा और गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए भारत में प्रतिस्पर्धी गैस बाजार बनाने में मददगार होगा।
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