अवैध् इमारती लकड़ी मामले में मंत्री पर मामले को दबाने का आरोप
जिला पंचायत सदस्य ने पुलिस एवं वन विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा
संवाददाता
मुनस्यारी। जीआईसी मुनस्यारी में पकड़ी गई अवैध इमारती लकड़ी के मामले में एक हफ्रते से प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्ताेलिया ने वन विभाग तथा पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि चार दिन के भीतर वैधानिक कार्यवाही नहीं हुई तो वह पुलिस थाने में धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने जिले के एक कैबिनेट मंत्री पर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए इस आशय का पत्र जिलाधिकारी को भेजा है।
गौर हो कि कुछ दिनांे पूर्व जीआईसी के एक कक्ष से भारी मात्रा में लाखों रुपये की लागत की इमारती लकड़ी पुलिस ने पकड़ी थी। थानाध्यक्ष ने मय पुलिस बल अवैध इमारती लकड़ी पकड़ी। पुलिस ने ही वन विभाग को मौके पर बुलाया। अवैध इमारती लकड़ी भाजपा नेता का होने के कारण नाटकीय ढंग से पुलिस पिक्चर से गायब हो गई। वन विभाग को बिना फर्द बनाए लकड़ी सौपकर पुलिस गायब हो गई।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्ताेलिया ने इस ठंडे बस्ते में डाल दिए गए मामले को उठाकर फिर इस मामले को हवा दे दी है। मर्ताेलिया ने कहा कि पुलिस ने मुखबिरी के आधार पर छापा मारा। उसके बाद सरकार के एक कबीना मंत्री के फोन करने व पुलिस अधीक्षक के फोन आने पर थानाध्यक्ष खुद ब खुद मामले से हट गये। मर्ताेलिया ने कहा कि छापामारी के बाद सरकार के कबीना मंत्री, पुलिस अधीक्षक, थानाध्यक्ष मुनस्यारी का काल डिटेल निकाला जाये तो दूध का दूध तथा पानी का पानी हो जाएगा।
जिपं सदस्य मर्ताेलिया ने कहा कि मुनस्यारी के जंगलो को तस्करों ने साफ कर दिया है। लाखों रुपये की अवैध इमारती लकड़ी पकड़ने के बाद कोई कार्यवाही का न होना समाज को अच्छा संदेश नहीं दे रहा है। मर्ताेलिया ने कहा कि पुलिस की भूमिका संदेहजनक रही है। अब वन विभाग चुप बैठकर नये संदेहों को जन्म दे रहा है।
उन्होंने कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जांच समिति के सामने वह लिखित में काबीना मंत्री का नाम सार्वजनिक करेंगे। पुलिस इससे पहले काल डिटेल निकालकर सुरक्षित रख ले।
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