सोमवार, 20 सितंबर 2021

बीआरओ अपनी सड़कों का सड़क सुरक्षा आडिट करेगा

 बीआरओ अपनी सड़कों का सड़क सुरक्षा आडिट करेगा



- बीआरओ देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में एकमात्र सड़क निर्माण एजेंसी 

- बीआरओ सामरिक स्थानों और मित्र देशों में पुलों, हवाई अड्ढों, सुरंगों और सड़कों का निर्माण और रखरखाव करता है

- बीआरओ अपनी सड़कों को सुरक्षित बनाकर दुर्घटना की संभावनाओं को कम करने के लिए अपनी मौजूदा सड़कों का सड़क सुरक्षा आडिट कराएगा

- सड़क सुरक्षा की स्थिति में सुधार लाने एवं पहाड़ी और बर्फीले क्षेत्रों में सड़कों की मानक परिचालन प्रक्रियाओं को निर्धारित करने पर जोर

- लोगों में सड़क सुरक्षा जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिए 75 दिनों का अखिल भारतीय मोटरसाइकिल अभियान

एजेंसी

नई दिल्ली। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित सड़कों का उपयोग न केवल सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों द्वारा किया जाता है, बल्कि पूरे देश के पर्यटकों और साहसिक कारनामों के शौकीनों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है। सभी मौसमों, ऊंचाईयों और ऋतुओं के दृष्टिकोण से यातायात की सुगमता बनाए रखने के लिए सड़क बुनियादी ढांचे में निर्माण प्रौद्योगिकी और प्रथाओं को तैयार किया जा रहा है। उन्नत प्रौद्योगिकी और परिष्कृत सड़क निर्माण मशीनों और उपकरणों की उपलब्धता ने भी सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण की गति को तेज किया है।

ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सड़कों के बुनियादी ढांचे का विकास करना बहुत सुविधा प्रदान करता है। सड़क संपर्क पर्यटन को बढ़ावा देता है, सामाजिक- आर्थिक विकास में योगदान देता है और सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक आपूर्ति की आवाजाही को पूरे वर्ष खुला रखता है।

चूंकि हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों के दूरस्थ क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, पर्यटक और साहसिक कारनामों के शौकीन अपनी रूचि की तलाश में इन स्थानों पर आ रहे हैं। रुझान बढ़ते हुए यातायात और वाहनों की अधिक गति की घटनाओं का संकेत देते हैं, जिससे यातायात संबंधी दुर्घटनाओं में दुर्भाग्यपूर्ण वृद्वि हुई है। सड़कों का उपयोग सभी प्रकार के लोग करते हैं, कुछ अनुशासित और कुछ अनियंत्रित प्रकार के लोग, दोनों व्यवहार संबंधी पहलू हैं और सड़क निर्माण और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन मानवीय पहलुओं से निपटना चुनौतीपूर्ण रहा है।

बीआरओ ने अब अपनी निर्मित सड़कों और पुलों की दुर्घटना की संभावना को कम करने के लिए एक खाका तैयार किया है और मौजूदा सड़कों और पुलों के आडिट के लिए एक व्यापक अभ्यास शुरू किया है। कई कार्रवाइयां पहले ही शुरू की जा चुकी हैं, सबसे महत्वपूर्ण नई दिल्ली में बीआरओ मुख्यालय में सेंटर आपफ एक्सीलेंस पफार रोड सेफ्रटी अवेयरनेस (सीओईआरएसए) की स्थापना है, जो सभी नीतियों के निर्माण और प्रख्यापन और मानक संचालन को परिभाषित करने के लिए एक नोडल एजेंसी होगी। सीओईआरएसए ने हाल ही में एक सड़क सुरक्षा संगोष्ठी का आयोजन किया और संगठन के भीतर से विशेषज्ञों द्वारा सड़कों के आडिट के लिए प्रारंभिक रूपरेखा तैयार की गई है।

बीआरओ का लक्ष्य मौजूदा सड़कों के चरणवार आंतरिक आडिट के साथ शुरू होने वाले चरणबद्व तरीके से सड़क सुरक्षा आडिट करना है जो इसके मुख्य विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। इससे संभावित दुर्घटना स्थलों की पहचान करने, सड़क ज्यामितीय में अनियमितताओं और सड़क के किनारे साइनेज और सड़क के किनारे अन्य फर्नीचर आदि में सुधार का प्रस्ताव होगा। यह चरण लेखा परीक्षकों को उन अंतरालों को खोजने में सक्षम करेगा जो सड़क सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए सड़क उपयोगकर्ताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मजबूत सार्वजनिक आउटरीच प्रयास होगा। बीआरओ ने पहले ही विभिन्न सड़क सुरक्षा थीम आधारित जिंगल और छोटे वृत्तचित्र तैयार और अपलोड कर दिए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में 14 अक्टूबर को राष्ट्रीय युद्व स्मारक से शुरू कर विशाल जनसमूह के बीच सड़क सुरक्षा जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिए 75 दिनों का अखिल भारतीय मोटरसाइकिल अभियान भी चलाया जा रहा है।

बाद के चरण में अनुसंधान के आधार पर शिक्षाविदों से विचार प्राप्त करने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद जैसे योग्य विशेषज्ञों और एजेंसियों के समर्थन से सड़क सुरक्षा आडिट के लिए एक औपचारिक पद्वति तैयार की जाएगी। इसके लिए लेखा परीक्षकों के लिए व्यावहारिक आन-साइट प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी, जो फिर अन्य मुद्दों के बीच सड़क ज्यामिति में बेहतर सुरक्षा पहलुओं को शामिल करने के लिए, विशेष रूप से पहाड़ी और बर्फ से ढके क्षेत्रों के लिए बीआरओ निर्माण प्रथाओं की जांच करेंगे।

सड़क सुरक्षा के लिए एक महीने तक चलने वाला, प्रारंभिक आंतरिक आडिट अभ्यास दिनांक 15 सितंबर से शुरू हुआ है जिसमें हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख राज्यों में बीआरओ की सभी परियोजनाएं पहले आडिट करने का प्रयास करेंगी क्योंकि सर्दियां शुरू होने से दर्रे बंद हो जाते हैं और काम में बाधा आती है। यह अगले कार्य सत्र में शामिल किए जाने वाले सुधारों के लिए शीघ्र योजना बनाने में सक्षम होगा।


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