सिटीजन्स फार क्लीन एंड ग्रीन एंबीएन्स ने जोगीवाला से सहस्त्रधारा चौराहे तक काटे जाने वाले 2200 पेड़ों को अनावश्यक बताया
सड़क के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों के काटे जाने का विरोध
संवाददाता
देहरादून। रिंग रोड़ के विस्तार के लिए जोगीवाला से सहस्त्रधारा चौराहे तक 2200 पेड़ों की बलि दी जानी है, जिसका सिटीजन्स फार क्लीन एंड ग्रीन एंबीएन्स ने भी अन्य संस्थाओं के साथ खलंगा स्मृति पार्क के बाहर सहस्त्रधारा रोड पर रोष व्यक्त किया और उत्तराखण्ड सरकार की पर्यावरण विरोधी नीतियों पर विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन में सिटीजन्स फार क्लीन एंड ग्रीन एंबीएन्स समिति के अध्यक्ष राम कपूर ने कहा कि सरकार की पर्यावरण विरोधी नीतियों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और जो 2200 पेड़ कटने प्रस्तावित है, उन्हें कटने नहीं दिया जायेगा। राम कपूर ने कहा कि यदि सरकार पेड़ों को काटे जाने के निर्णय को वापिस नहीं लेगी तो समिति को अदालत जाने पर बाध्य होना पड़ेगा।
हजारों की तादात में मौजूद लोग सहस्त्रधारा रोड पर दोनों तरफ अपने अपने बैनरों के साथ खड़े सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और वृक्ष नहीं तो वोट नहीं, एक दो तीन चार-वृक्षों को बचाओं यार, जैसे नारे लग रहे थे। काटे जाने वाले समस्त वृक्षों पर मौलियां बांधी जा रही थी और वृक्षों को बचाने सम्बन्धी बैनर चिपकाये जा रहे थे।
राम कपूर ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का इस तरह का पर्यावरण विरोधी रवैया हैरान करने वाला है। 2022 में आने वाले चुनावों में इसका खमियाजा उसे भुगतना पड़ सकता है। जिस सहस्त्रधारा रोड पर 2200 वृक्षों को काटे जाने का प्रस्ताव है, वह रोड काफी चौड़ी है और वाहनों के आवागमन में या ट्रैफिक जाम जैसी समस्या उस पर न के बराबर है, फिर भी पेड़ों को काटने का प्रस्ताव पारित किया गया।
विरोध प्रदर्शन में समिति के अन्य सदस्य अमरनाथ कुमार, शम्भू शुक्ला, दीपक वासुदेवा, जे0पी0 किमोठी, हर्षधर्वन जमलोकी, रंदीप अहलूवालिया, संदीप भाटिया, आर0के0 हाण्डा, सुभाष जसौरिया, आलोक आहूजा, अनुराग शर्मा, गगन चावला, शिवम शुक्ला मौजूद रहे।
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