# सरकार का नियंत्रण न होने से दिन- प्रतिदिन हो रही वृद्धि
# सरकार जनता को लूट कर ही भरना चाहती है खजाना
# जनता की बर्बादी पर सरकार बनी है तमाशबीन संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार व तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल-डीजल के दाम में दिनों-दिन की जा रही बेहताशा वृद्धि को रोकने हेतु उच्च न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेकर मामले में कार्रवाई करने को लेकर पत्र प्रेषित कर आग्रह किया है।
नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के दामो को नियंत्रण मुक्त कर जनता को लूटने का काम किया जा रहा है। वैश्विक स्तर पर क्रूड आयल के दाम कम होने के बावजूद भी ईंधन के दाम में बेहतशा वृद्धि सरकार के नापाक इरादों की ओर इशारा करती है। ऐसे समय में जब क्रूड ऑयल के दाम 70-75 डॉलर प्रति बैरल हों, ऐसे में ईंधन महंगा बेचना सरासर लूट है। पूर्ववर्ती केंद्र सरकार द्वारा संभवत: वर्ष 2009-10 में पेट्रोल को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया था तथा एक- दो वर्ष पहले डीजल को भी मुक्ति प्रदान की गई थी, लेकिन तत्कालीन सरकार द्वारा इसमें सब्सिडी देकर व अन्य प्रयास से मूल्य वृद्धि पर एक तरह से अंकुश लगाने का काम किया गया था। वर्तमान में इसका परिणाम यह हुआ कि पेट्रोल लगभग ₹103 एवं डीजल लगभग 95 के पार हो गया, जिसका सीधा- साधा असर महंगाई को बढ़ाने में हुआ।
नेगी ने कहा कि मूल्य वृद्धि के चलते आमजन का जीना मुहाल हो गया है तथा लोग अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा ईंधन की मूल्य वृद्धि एवं महंगाई की मार झेलने में जाया कर रहे हैं।
नेगी ने कहा कि इस अलोकतांत्रिक (जिसका जन भावनाओं में विश्वास न हो) सरकार से मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने का आग्रह करना बेमानी है।
नेगी ने कहा कि मोर्चा ने स्वत: संज्ञान का आग्रह इसलिए किया गया है, क्योंकि कोई भी व्यक्ति, अगर कभी भी, किसी राजनैतिक दल का सदस्य रहा हो अथवा उसका किसी दल से अब संबंध भी न हो, तो भी न्यायालय जनहित याचिका पर संज्ञान नहीं लेता।