मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021

नामिनी और कानूनी वारिसों के बीच का अंतर

 नामिनी और कानूनी वारिसों के बीच का अंतर



प0नि0डेस्क

देहरादून। किसी संपत्ति में नामिनी उस संपत्ति के कानूनी वारिस के समान नहीं होता है। किसी संपत्ति में नामिनी होने के नाते आपको उसके वास्तविक स्वामी की मृत्यु के बाद मालिकाना हक नहीं मिल सकता। यदि आप अपनी विरासत उसके सही कानूनी वारिस को सौंपना चाहते हैं तो सिर्फ इच्छित व्यक्ति को नामिनी बनाना भर काफी नहीं होता। यह सुनिश्चित करने के लिए क्या करें कि आपके इच्छित नामिनी को आपकी मृत्यु के बाद आपकी संपत्ति मिल जाये! 

एक या अधिक लोगों के अपाइंटमेंट के लिए नामिनेशन आवश्यक है, जिन्हें वास्तविक मालिक की मृत्यु के बाद संरक्षक के रूप में उसकी संपत्ति प्राप्त हो सकती है। नामिनी का कर्तव्य है कि वह वास्तविक लाभार्थी को संपत्ति का कब्जा दिलाने में सावधानी और लगन से काम करे। म्यूचुअल फंड, एफडी, स्टाक निवेश, लघु बचत खाते, बैंक खाते और यहां तक कि बीमा उत्पाद जैसे सभी प्रकार के निवेशों में नामिनेशन करने के लिए कहा जाता है। 

यदि आपने अपने बैंक खाते में नामिनी का विवरण नहीं दिया है तो बैंक आपकी मृत्यु के बाद कानूनी वारिस का पता लगाने का प्रयास करेगा। जब भी कोई कानूनी वारिस बैंक से संपर्क करता है तो बैंक, बैंक खाते में मौजूद राशि प्रदान करने के लिए उत्तराधिकार प्रमाणपत्र या वसीयत/कानूनी वारिस प्रमाणपत्र की मांग करेंगे। 

नामिनी वह है जिसे संपत्ति के मालिक की मृत्यु पर उस संपत्ति का दावा करने का अधिकार मिलता है और वह उस संपत्ति के संरक्षक के रूप में तब तक कार्य करता है जब तक कि संपत्ति उसके कानूनी वारिस को नहीं सौंप दी जाती है। दूसरी ओर कानूनी वारिस वह है जिसे वास्तविक मालिक की मृत्यु के बाद उत्तराधिकार में संपत्ति का मालिकाना हक प्राप्त होता है। 

कानूनी वारिसों के नामों का उल्लेख संपत्ति के वास्तविक स्वामी द्वारा वसीयत में किया जाता है या उत्तराधिकार कानून के अनुसार होता है। इसलिए नामिनी एक कानूनी वारिस भी हो सकता है, बशर्ते कि वसीयत में उसके नाम का उल्लेख हो या वसीयत की गैर-मौजूदगी में कानून द्वारा अपाइंट किया गया हो।

नामिनी को मालिक की मृत्यु के बाद ही संपत्ति पर हक प्राप्त होता है। किसी वित्तीय उत्पाद में निवेश करते समय या बैंक खाता खोलते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप नामिनी का विवरण भरें। नामिनी वाली जगह को कभी खाली न छोड़ें। यदि आप अपने किसी बैंक खाते या निवेश में नामिनी के विवरण दर्ज करना भूल गए हैं तो आप बाद में नामिनेशन फार्म जमा करके इसे जोड़ सकते हैं। 

आप नामिनेशन में बदलाव या परिवर्तन का अनुरोध कर किसी भी समय अपनी संपत्ति में एक नामिनी हटा या जोड़ सकते हैं। नामिनी का विवरण लिखते समय, उसकी जन्मतिथि, नामिनी के साथ संबंध, पता और अन्य जानकारी स्पष्ट रूप से भरें। यह सलाह दी जाती है कि समय-समय पर नामिनेशन विवरण की जांच करें और भविष्य में स्थिति के अनुसार नामिनेशन में बदलाव करें। यह जरूरी नहीं है कि हर निवेश में समान नामिनी रखा जाए। अपनी आवश्यकता के आधार पर आप विभिन्न संपत्तियों के लिए अलग-अलग नामिनी चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए बैंक में किए गए आपके एफडी का नामिनी म्यूचुअल फंड निवेश के नामिनी से अलग हो सकता है। हालांकि आपको उन नामिनी का रिकार्ड रखना चाहिए जिनका आपने विभिन्न संपत्तियों और निवेशों में उल्लेख किया है।

बैंक खाते में आप एक नामिनी रख सकते हैं। संयुक्त खाते में आप एक से ज्यादा नामिनी रख सकते हैं। नामिनी कोई भी हो सकता है। उदाहरण के लिए परिवार का कोई सदस्य, मित्र या संबंधी। लाइफ इंश्योरेंस में आप एक से अधिक नामिनी को शामिल करने के साथ उनका हिस्सा भी तय कर सकते हैं। आपको अपने स्टाक निवेश में नामिनेशन के लिए डीमैट और डीपी खाते में नामिनी का विवरण रजिस्टर करना होगा। वित्तीय योजना के नजरिए से अपने निवेश में नामिनी को जोड़ना अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। इच्छित वारिस को विरासत के स्पष्ट ट्रांसफर के लिए केवल नामिनेशन पर्याप्त नहीं हो सकता है। इसलिए आपको भविष्य में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए वसीयत भी बनानी चाहिए।


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