एसजेवीएन द्वारा 75 मेगावाट परासन सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए अनुबंध हस्ताक्षरित
संवाददाता
लखनउ। एसजेवीएन ने उत्तर प्रदेश में परासन सोलर पार्क में अवस्थित 75 मेगावाट (एसी) सोलर पावर परियोजना के विकास एवं ओ0 एंड एम0 हेतु इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एवं कंसट्रक्शान (ईपीसी) के आधार पर मैसर्स सोलरवर्ल्ड एनर्जी साल्यूशन्सन प्राईवेट लिमिटेड नोएडा के साथ अनुबंध किया है। यह अनुबंध नन्द लाल शर्मा अध्यक्ष एवं प्रबंध निेदेशक, श्रीमती गीता कपूर निदेशक (कार्मिक), एसपी बंसल निदेशक (सिविल), अखिलेश्वर सिंह निदेशक (वित्त), सुशील शर्मा निदेशक (विद्युत) की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।
इस अनुबंध को एसके सूद महाप्रबंधक विद्युत संविदा एसजेवीएन तथा कार्तिक टेलटिया निदेशक सोलरवर्ल्ड द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर एसजेवीएन तथा सोलरवर्ल्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर नन्द लाल शर्मा ने बताया कि यह ईपीसी लागत 313.59 करोड़ रूपये की लागत पर परियोजना मैसर्स सोलरवर्ल्ड एनर्जी साल्यूशन्स प्राईवेट लिमिटेड को अवार्ड की गई है। इस परियोजना को अगस्त 2022 तक कमीशन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
शर्मा ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन ने उत्तर प्रदेश नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली में इस परियोजना को 2.68 रूपये प्रति यूनिट की दर से 25 वर्षों के लिए हासिल किया है। परियोजना 25.06 फीसदी कैपिसिटी यूटिलाईजेशन फैक्टनर (सीयूएफ) के साथ 168.343 मिलियन यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत का उत्पादन करेगी। परासन सोलर पार्क उत्तर प्रदेश के कानपुर के निकटवर्ती जिला जालौन की कलपी तहसील में स्थित है।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि इस आबंटन के साथ एसजेवीएन के पास अब 1445 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं निष्पादनाधीन है। इन सभी सोलर परियोजनाओं को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है जो एसजेवीएन की नवीकरणीय क्षमता के लिए एक बड़ी छलांग (विशाल उपलब्धि) होगी।
शर्मा ने अवगत करवाया कि भारत सरकार ने सभी को 24ग7 विद्युत आपूर्ति की परिकल्पना की है। अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (काप-26) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्व है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा आरके सिंह विद्युत क्षेत्र के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सौर ऊर्जा के दोहन के लिए उचित मार्गदर्शन एवं समर्थन दे रहे हैं ताकि सभी देशवासियों को 24ग7 हरित एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध करवाई जा सके।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमतागत वृद्वि का अपना साझा विजन निर्धारित किया है।
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