हिंदीभाषा डाट काम परिवार की तरफ से 38वीं स्पर्धा में सबने उत्साह दिखाया
नमिता घोष व सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को लगा जीत का प्रथम तिलक
संवाददाता
इंदौर/मप्र। मातृभाषा हिंदी पर अपनी श्रेष्ठ लेखनी चलाकर इस बार स्पर्धा में श्रीमती नामिता घोष (गद्य) ने जीत का तिलक लगाया है तो सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’ (पद्य) में प्रथम आई हैं। ऐसे ही स्पर्धा में डा0 आशा मिश्रा ‘आस’ और ममता तिवारी को द्वितीय विजेता घोषित किया गया है।
हिंदी के प्रचार हेतु हिंदीभाषा डाट काम परिवार की तरफ से स्पर्धाओं का दौर सतत जारी है। मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने बताया कि इस 38वीं स्पर्धा में सबने उत्साह दिखाया। इस क्रम में ‘भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या’ विषय पर आयोजित स्पर्धा में गद्य में प्रथम स्थान छग से नमिता घोष ‘हिंदी मेरी पहचान अस्मिता’ को दिया गया है। इसी वर्ग में महाराष्ट्र से डा0 आशा मिश्रा ‘आस’ ‘विश्व में हिन्दी का परचम लहराएं’ ने दूसरा एवं प्रो0 शरद नारायण खरे (मप्र) ने तृतीय स्थान पाया है।
उन्होंने बताया कि श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने पद्य विधा में ‘हिंदी है अभिमान’ के लिए सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’ (महाराष्ट्र) को प्रथम विजेता घोषित किया है। इसी प्रकार ‘हिंदी रोचक वर्णमाला’ हेतु श्रीमती ममता तिवारी (छत्तीसगढ़) को दूसरा तथा ‘हिंदी भाषा मधुर मुस्कान है’ पर जबरा राम कंडारा (राजस्थान) तीसरा विजेता स्थान दिया गया है।
श्रीमती जैन ने बताया कि 1.27 करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पा चुके इस मंच की संयोजक सम्पादक प्रो0 डा0 सोनाली सिंह व मार्गदर्शक डा0 एम0एल0 गुप्ता ‘आदित्य’ ने सभी विजेताओं तथा सहभागियों को हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।