ज्ञानरूपी रोशनी को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेंः सत्गुरु सुदीक्षा महाराज
निरंकारी सन्त समागम का सफलतापूर्वक समापन
संवाददाता
समालखा। वर्तमान समय में संसार में सन्त-महात्माओं की नितांत आवश्यकता है, उनसे शिक्षा प्राप्त करके सभी भक्ति मार्ग पर अग्रसर होकर स्वयं आनंदमयी जीवन जियें एवं जन-जन तक ज्ञानरूपी रोशनी पहुंचाने का माध्यम बनें। यह उद्गार सत्गुरू सुदीक्षा महाराज ने 74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के समापन सत्र में वर्चुअल माध्यम द्वारा विश्वभर के श्रद्वालु भक्तों का आह्वान करते हुए व्यक्त किए।
निरंकारी मिशन के तीन दिवसीय समागम का सफलतापूर्वक समापन हुआ जिसका भरपूर आनन्द मिशन की वेबसाईट एवं साधना टीवी चैनल के माध्यम से विश्वभर के श्रद्वालु भक्तों एवं प्रभुप्रेमी सज्जनों द्वारा लिया गया।
सत्गुरू ने कहा कि ब्रह्मज्ञान द्वारा भक्ति मार्ग पर चलते हुए ईश्वर पर दृढ़ विश्वास रखकर जीवन आनंदित हो जाता है। जब हम परमात्मा को जीवन का आधार बना लेते हैं और पूर्णतः उसमें समर्पित होकर मन में जब सत्संग, सेवा, सुमिरण की लगन लग जाती है तो यह जीवन वास्तविक रूप में महक उठता है। अतः हम इस निरंकार प्रभु के रंग में निरंतर रंगे रहे एवं अपना विश्वास इतना दृढ़ बनाएं कि फिर किसी भी अवस्था में वह डोल न पाये।
समागम के समापन सत्र में एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें ‘श्रद्वा भक्ति विश्वास रहे, मन में आनन्द का वास रहे’ शीर्षक पर अनेक कवियों ने हिंदी, पंजाबी, मुलतानी, हरियाणवी, उर्दू एवं अंग्रेजी भाषाओं में कवितायें पढ़ी। समागम के मुख्य विषय ‘विश्वास भक्ति आनंद’ पर आधारित एक विशेष स्मारिका का समागम के दो दिन पहले सत्गुरु सुदीक्षा महाराज द्वारा विमोचन किया गया जिसमें हिन्दी, अंग्रेजी एवं पंजाबी भाषाओं में लेख सम्मिलित किये गए हैं।
इस वर्ष वर्चुअल रूप में निरंकारी प्रदर्शनी समागम के कुछ दिन पूर्व ही मिशन की वेबसाईट पर दर्शायी गई जिसमें मिशन के इतिहास एवं सत्गुरु की कल्याण यात्राओं तथा अन्य गतिविधियों को माडलों एवं चित्रों की सहायता से निरंकारी प्रदर्शनी एवं बाल प्रदर्शनी के रूप में दर्शाया गया। इस प्रदर्शनी में ‘विश्वास भक्ति आनंद’ विषय पर आधारित लघुनाटिकाओं को कार्यक्रम के रूप में भी प्रस्तुत किया गया।
समागम की प्रबंध व्यवस्थाओं एवं कार्यक्रमों में सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों के लिए लंगर तथा कैन्टिन की उचित व्यवस्था की गई। वहीं समागम की गतिविधियों में जिन भी प्रतिभागियों ने सम्मिलित होना था उनके लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड एवं एयरपोर्ट से समागम स्थल पहुंचने हेतु एवं उनकी प्रस्तुति के उपरांत उसी दिन वापस उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने की उचित व्यवस्था की गई।
मण्डल के समाज कल्याण विभाग द्वारा समागम स्थल पर सभी प्रतिभागियों एवं प्रबंध व्यवस्था से जुड़े हुए महात्माओं के स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं हेतु एक प्रफी डिस्पेंसरी का प्रबंध किया गया जिसमें कोविड केयर सेंटर, चार एमडी डाक्टर, अल्टरनेटीव थैरेपी डाक्टर के अतिरिक्त ओपीडी, आईपीडी एवं तीन एम्बुलेंस रखी गई थी। कोविड-19 के बारे में सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शक सूचनाओं का समागम के दौरान यथायोग्य पालन किया गया। समागम में सुरक्षा हेतु उचित प्रबंध किए गए थे।
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