शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

 स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी सरासर लूटः मोर्चा        



- इरडा 5 फीसदी प्रीमियम बढ़ाने को दे चुका मंजूरी

- आमजन के स्वास्थ्य की आड़ में सरकार कर रही कारोबार 

संवाददाता

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि आमजन अपने परिवार की स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों, दुर्घटनाओं के समय उपचार हेतु बीमा कंपनियों से स्वास्थ्य बीमा करवाता है, ताकि आड़े वक्त इलाज हो सके, लेकिन सरकार द्वारा स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 फीसदी आईजीएसटी वसूला जाता है, जोकि सरासर लूट है। स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं पर केंद्र सरकार द्वारा इस तरह से टैक्स थोपना दुर्भाग्यपूर्ण भी है।     



नेगी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना व अन्य बीमारियों के तेजी से बढ़ते मामलों की वजह से बीमा कंपनियां भी प्रीमियम बढ़ाने की तैयारी में हैं, जैसा कि बीमा प्रीमियम पर इरडा (इंश्योरेंस रेगुलेरिटी एंड डेवलपमेंट अथारिटी) से 5 फीसदी बढ़ोतरी की हरी झंडी मिलने के बाद सरकार कभी भी प्रीमियम बढ़ाने की अनुमति दे सकती है। मौजूदा हालात में प्रीमियम बढ़ाने से बीमा कंपनियां राहत की सांस ले सकती हैं, लेकिन जनता पर इसका बोझ पड़ना लाजमी है।              

मोर्चा केंद्र सरकार से मांग करता है कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लिए जा रहे भारी भरकम आईजीएसटी को कम करें ताकि अन्य लोग भी अपने स्वास्थ्य बीमा लाभ के प्रति सजग हो सकें।


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