सहसपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर
सहसपुर सीट पर कांग्रेस की अच्छी पकड़ का दावा
संवाददाता
देहरादून। सहसपुर विधानसभा सीट उत्तराखंड की एक अहम विधानसभा सीट है। इस बार सहसपुर विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, हालांकि यह जनता को तय करना है। इस सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है। इस बार कांग्रेस ने अपना दांव कद्दावर नेता आर्येन्द्र शर्मा पर लगाया है, जिन्हें हमेशा से जनता का प्यार मिलता रहा है।
वहीं भाजपा ने इस सीट से सहदेव सिंह पुंडीर और आम आदमी पार्टी ने भरत सिंह को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने ऐसे नाम पर दांव खेला है, जिन्होंने 2017 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी बिगुल फूंका और चुनाव लड़कर दूसरा स्थान भी हासिल किया।
मतदाता के लिहाज से सहसपुर सीट पर कांग्रेस की अच्छी पकड़ मानी जाती है। राज्य गठन के बाद से अब तक इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही लड़ाई देखने को मिली है। इस बार कांग्रेस कांग्रेस युवाओं और महिलाओं को रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। आर्येन्द्र शर्मा का वादा है कि वह सहसपुर के युवाओं ओर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर खोज निकालेंगे।
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सहदेव सिंह पुंडीर दूसरी बार विधायक चुने गए। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार किशोर उपाध्याय को हराया था। इस चुनाव में भाजपा के सहदेव सिंह को 44,055 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के किशोर उपाध्याय को 25,192 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार आर्येन्द्र शर्मा थे, जिन्हें 21,888 वोट मिले थे।
आर्येंद्र शर्मा के पिता राजेंद्र शर्मा को यहां काफी माना जाता है। 30 सितंबर 2017 को उनका निधन हो गया। स्व0 राजेन्द्र शर्मा का व्यक्तित्व बहुत मिलन सार था। वे लोगों की हर जरूरत पर उनके साथ खड़े रहते थे। लोगों की समस्याओं को लेकर सदैव संघर्षरत रहे। इसके चलते काशीपुर और सहसपुर दोनों जगह पर इसके परिवार का लोग इनका आदर करते है।