पत्रकार को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने पर पुलिस प्रशासन की कड़ी आलोचना
संवाददाता
पिथौरागढ़। जिला पंचायत सदस्य तथा उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार संघ के राज्य संयोजक जगत मर्ताेलिया ने पीड़ित परिवार की आवाज को मंच देने वाले पत्रकार किशोर राम को फर्जी मुकदमे में जेल भेजने पर पुलिस प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस का हिटलरशाही देखकर लोकतंत्र के सभी स्तंभ स्तब्ध है।
मर्ताेलिया ने कहा कि पुलिस के साइबर सेल ने जो एफआईआर दर्ज की है, वह झूठ का पुलिंदा है। पत्रकार किशोर द्वारा बनाए गए वीडियो को सुनकर लगता है कि पुलिस पगला गयी है। मर्ताेलिया ने कहा कि दो बेटियों को न्याय देने के लिए एक पिता 18 जनवरी से पुलिस व प्रशासन से गुहार लगा रहा था। उसकी बात को कोई सुनने को तैयार नहीं है। उल्टा पुलिस उस परिवार का उत्पीड़न करने पर तुली हुई है।
अपराधियों के द्वारा लगातार परिवार को धमकाया व डराया जा रहा है। इस स्थिति में एक पत्रकार द्वारा पीड़ित परिवार के पक्ष को अपने मंच से उठाया गया, इससे नाराज पुलिस ने पत्रकार को झूठ एवं फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मारपीट तथा अराजकता फैलाने वाले अपराधियों को पुलिस थाने से जमानत दे दी है। लेकिन एक पत्रकार को जो समाज के दबे कुचले वर्ग की आवाज को उठा रहा है, उसे फर्जी मुकदमे में जेल भेज रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई का हर मंच से पुरजोर विरोध किया जाएगा। इसके लिए मानवाधिकार आयोग तथा राज्य एवं केंद्र के अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद में इस तरह के पुलिस उत्पीड़न की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने जिलाधिकारी से मांग किया कि इस घटना की किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराई जाए। पुलिस के जिन अफसरों ने इस तरह की ना समझी भरा कार्य किया है, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने जिले के पत्रकार संगठनों तथा न्याय पसंद संगठनों से अपील किया कि वे एक मंच पर आकर इस प्रकार के पुलिस उत्पीड़न की घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब दें। उन्होंने 24 घंटे के भीतर पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।